अंतिम अमावस्या पर करें ये सरल उपाय, जानें इसका महत्व
अंतिम अमावस्या पर करें ये सरल उपाय, जानें इसका महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू वर्ष की अंतिम अमावस्या का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है और हमारे धर्म शास्त्रों में चैत्र मास की अमावस्या लिए कुछ विशेष प्रयोग बताए गए हैं जिनसे जीवन के समस्त कष्टों का निवारण किया जा सकता है। इस बार चैत्र मास की स्नान,दान एवं श्राद्ध अमावस्या 5 अप्रैल 2019 यानी कि आज शुक्रवार को मनाई जा रही है। इस दिन कुछ सरल उपायों को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि आज हिन्दू वर्ष विक्रम संवत 2075 का समापन भी हो रहा है।
इस दिन करें ये पांच सरल उपाय :-
उपाय 1 :-
प्रथम उपाय प्रात: काल में पीपल के वृक्ष को एक जनेऊ समर्पित करें और दूसरा जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का भी उसी पीपल को अर्पित कर दीजिए। फिर पीपल वृक्ष और भगवान विष्णु की प्रार्थना करें। इसके बाद 108 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर स्वयं द्वारा शुद्ध रूप से तैयार की गई मिठाई पीपल के वृक्ष को अर्पित करें।
परिक्रमा करते समय इस मन्त्र का जप करें :-
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
108 परिक्रमा पूरी होने के बाद पीपल और भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हुए अपने हाथों हुए जाने-अनजाने पाप कर्म या अपराध की क्षमा मांगिए। इस अमावस्या के दिन की गई इस पूजा से शीघ्र ही आपको उत्तम परिणाम की प्राप्ति होगी।
उपाय 2 :-
दूसरा उपाय करने से इस दिन पितृ दोष दूर होते हैं इस दिन आपके समीप स्थित किसी भी वृक्ष पर बैठे कौओं और जलाशयों की मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाए गए लड्डू खिलाइए। यह पितृ दोष दूर करने का सरलतम उपाय है।
उपाय 3 :-
तीसरा उपाय इस दिन पितृ दोष की शांति के लिए चैत्र मास की अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और जल अवश्य चढ़ाना चाहिए।
उपाय 4 :-
चौथे उपाय में चैत्र मास की अमावस्या के दिन दूध से बनी खीर दक्षिण दिशा में पूर्वजों की फोटो को रख कर उसके सम्मुख कंडे पर गाय के घी की धूनी पितृ को अर्पित करने से भी पितृ दोष में कमी आती है। यह बहुत सरल और सटीक उपाय है।
उपाय 5 :-
चैत्र मास अमावस्या के दिन किसी बड़े ब्राह्मण को भोजन एवं दक्षिणा और यथा योग्य वस्त्र एवं धन दान करने से पितृ दोष कम होता है।