सोमवती अमावस्या: जानें इस दिन का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

सोमवती अमावस्या: जानें इस दिन का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-11 11:42 GMT
सोमवती अमावस्या: जानें इस दिन का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इस वर्ष सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल को पड़ रही है। हिंदुओं में इस दिन को लेकर गहरी आस्था है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन पूजा, पाठ, व्रत, स्नान और दान करने से कई यज्ञों का फल मिलता है। इस दिन तीर्थ स्नान करने से कभी खत्म नहीं होने वाला पुण्य मिलता है।

हालांकि कोरोनावायरस का खतरा एक बार फिर से मंडरा रहा है। ऐसे में जब किसी पवित्र नदी में जाना संभव ना हो तो घर पर रहकर पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने पर भी तीर्थ स्नान का फल मिलता है। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या के महत्व और पूजा विधि के बारे में...

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शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 11 अप्रैल 2021, रविवार, सुबह 06 बजकर 03 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 12 अप्रैल 2021, सोमवार, सुबह 8 बजे तक

सुख की प्राप्ति
महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ और सभी दु:खों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पितर भी संतुष्ट हो जाते हैं।

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अमावस्या पर पीपल की पूजा
पीपल के पेड़ में पितर और सभी देवों का वास होता है। सोमवती अमावस्या के दिन जो दूध में पानी और काले तिल मिलाकर सुबह पीपल को चढ़ाते हैं, उन्हें पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके बाद पीपल की पूजा और परिक्रमा करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। वहीं सुहागन महिलाएं पीपल के वृक्ष में शिवजी का वास मानकर उसकी पूजा और परिक्रमा करती हैं।


 

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