नवरात्रि का छठवां दिन: आज करें मां कात्यायनी की पूजा, इस मंत्र का करें जाप

नवरात्रि का छठवां दिन: आज करें मां कात्यायनी की पूजा, इस मंत्र का करें जाप

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-08 10:24 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यानी को शहद अत्यंत प्रिय होता है। माता का यह स्वरूप बहुत ही अद्भुत है। ऐसी मान्यता है कि महर्षि कात्यायन ने मां भगवती को अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। महर्षि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवती ने उन्हें पुत्री का वरदान दिया। महर्षि कात्यायन के नाम पर ही इनका नाम कात्यायनी रखा गया।

स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य, दिव्य और बड़ा ही मनमोहक है। मां कात्यायनी शेर पर सवार रहती है। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। मां कात्यायनी अपने भक्तगणों पर हमेशा अपनी कृपा दृष्टि रखती हैं। वैसे यह अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेमावती, इस्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमें भद्रकाली और चंडिका भी कहा जाता है।

सुख शान्ति का आह्वान
मां कात्यायनी को प्रसन्न करना बहुत सरल है अगर आप उनकी सच्चे मन से पूजा आर्चना करते हैं, तो वे आपके हर कष्ट को दूर करेंगी। माना जाता है कि देवी कात्यायनी की पूजा से घर में सुख शान्ति का आह्वान होता है। विवाह के बाद दाम्पत्य जीवन में समस्या आ रही है तो माता की उपासना व व्रत से दूर होती है। साथ ही वैवाहिक कार्य में हो रही देरी या बार-बार सम्बन्ध होकर टूटना आदि समस्या में भी कात्यायनी पूजा फलदायी होती है।

सक्षम बनाती है मां
मां कात्यायनी की पूजा-उपासना करने से मनुष्य को कठिन से कठिन कार्यो में आसानी से सफलता मिलती है। इनकी आराधना से डर और रोगों से मुक्ति मिलती है और सभी समस्याओं का समाधान होता है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है और दुश्मनों का संहार करने में मां हमें सक्षम बनाती हैं। जो भक्त सच्चे मन से मां का ध्यान करता है उसके रोग, शोक-संताप और भय आदि का नाश होता है। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने मां कात्यायनी की पूजा की थी।

कात्यायनी पूजन सामग्री व मंत्र
नारियल, कलश, गंगाजल, कलावा, रोली, चावल, चुन्‍नी, शहद, अगरबत्ती, धूप, दीया और घी साथ ही मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए 3 से 4 पुष्प लेकर निम्नलिखित मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए, उसके बाद उन्हें पुष्प अर्पित करना चाहिए। मां कात्यायनी की भक्ति पाने के लिए और परेशानियों को दूर करने के लिए नवरात्रि में छठे दिन इस मंत्र जाप करना चाहिए।

मंत्र :-
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना। कात्यायनी शुभं दघा देवी दानव घातिनि ।।

कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा
सुबह नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर मां कात्यायनी का मन में ध्यान करते रहें। उसके बाद नारियल को कलश पर रखें। फिर उस पर चुन्‍नी व कलावा लगायें और पूजा करें। फिर मां कात्यानी को रोली, हल्दी व चावल का तिलक करें। तिलक लगाने के बाद मां कात्यानी के सामने घी का दिया जलाएं। मां कात्यानी को शहद अत्यंत प्रिय होता है इसलिए उन्हें शहद का भोग लगाने चाहिए। नवरात्र के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें। यह रंग शक्ति का प्रतीक होता है और यह मां कात्यायनी का प्रिय रंग भी माना जाता है।

Tags:    

Similar News