पंचक: आज से शुरू हुआ पंचक नक्षत्र, इन बातों का रखें ध्यान

पंचक: आज से शुरू हुआ पंचक नक्षत्र, इन बातों का रखें ध्यान

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-26 09:40 GMT
पंचक: आज से शुरू हुआ पंचक नक्षत्र, इन बातों का रखें ध्यान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में कई सारे रीति रिवाज, ग्रह और नक्षत्रों को माना जाता है। जिनके अनुसार शुभ और अशुभता का संकेत मिलता है। इनमें से एक है पंचक, जिसके आरंभ होते ही सभी में एक अलग तरह का छुपा हुआ भय सताने लगता है कि "पंचक" लग गया है इसमें ये कार्य आरंभ किया जाय या न किया जाय। ये जानने की जिज्ञासा उन सभी को रहती है जो इन दिनों में आवश्यकता वश कार्य आरंभ करने के लिए विवश रहते हैं। इस बार पंचक 28 सितंबर 2020 को सोमवार से लग रहे हैं।

ज्योतिष के महानतमग्रन्थ "मुहूर्त चिंतामणि" के अनुसार घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ये नक्षत्र पर जब चन्द्रमा गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा गया है पूर्व और उत्तर भारत में इसे "भदवा" भी कहते हैं। आइए जानते हैं इस पंचक और इस समय में रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में... 

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शुभ पंचक
वैसे तो पंचक अशुभ माना जाता है, लेकिन सोमवार से प्रारंभ होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। यह पंचक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसके प्रभाव से पांच दिनों में कार्यों में सफलता मिलती है। खासकर सरकारी कार्यों में सफलता के योग बनते हैं साथ ही संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ होता है।

ना करें ये कार्य
- पंचक में चारपाई बनवाना ठीक नहीं माना गया है, माना जाता है कि इससे कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
- इस समय में घनिष्ठा नक्षत्र होने पर घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए, इससे आग लगने का भय रहता है।

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- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए। क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
- पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए, ऐसा विद्वानों का कहना है। इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है।
- पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो गरुड़ पुराण के अनुसार शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए, तो पंचक दोष समाप्त हो जाता है।  

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