इस व्रत को करने से मिलती है कष्टों से मुक्ति, जानें पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि इस व्रत को करने से मिलती है कष्टों से मुक्ति, जानें पूजा विधि

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-04 13:01 GMT
इस व्रत को करने से मिलती है कष्टों से मुक्ति, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत 05 सितंबर 2021 यानी कि रविवार को है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भी व्यक्ति पूरे श्रद्धाभाव से करता है उसके माता-पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते है तथा वह जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग करता है। 

इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक जाता है। भविष्यपुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना जाती है। सुख-शांति की कामना से शिव का पूजन किया जाता है। इस दिन शिव लिंग पर पुष्प चढ़ाने तथा शिव के मंत्रों के जप का विशेष महत्व होता है। 

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शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारम्भ: 05 सितंबर, रविवार सुबह 08:21 बजे से
तिथि समापन: 06 सितंबर, सोमवार सुबह 07:38 बजे तक

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व्रत विधि 
शिव चतुर्दशी व्रत में महादेव शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं शिवगणों की पूजा की जाती है। शिव जी की पूजा में प्रथम भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। उनके अभिषेक में जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से अभिषेक किया जाता है। अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करते हैं। अंत में गांजा,भांग, धतूरा तथा श्री फल(नारियल) शिव जी को भोग के रुप में समर्पित किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन पूरा दिन निराहार रहकर इनके व्रत का पालन किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

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