व्रत: मासिक शिवरात्रि आज, जानें इसका महत्व और पूजा- विधि 

व्रत: मासिक शिवरात्रि आज, जानें इसका महत्व और पूजा- विधि 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-20 09:03 GMT
व्रत: मासिक शिवरात्रि आज, जानें इसका महत्व और पूजा- विधि 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। वैशाख मास की मासिक शिवरात्रि 21 अप्रैल दिन मंगलवार यानी कि आज है। हिन्दू धर्म में इसका काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।

कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना जाती है। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्री, पार्वती और रति ने शिवरात्रि का व्रत किया था। इस व्रत से भगवान शिव की कृपा मिली, जिससे अनंत फल प्राप्त किए। 

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महत्व
शिव चतुर्दशी का व्रत जो भी व्यक्ति पूरे श्रद्धाभाव से करता है उसके माता-पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते है तथा वह जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग करता है। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त हो जाता है। वह दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक जाता है। 

पूजा विधि
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इस दिन भगवान शिव की पूजा में सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। 
शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से किया जाता है। 
अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाएं। 

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पूजा के दौरान गाय के घी का दीपक आज जलाएं।
पूजा के अंत में शिव जी को भोग के रुप में गांजा, भांग, धतूरा तथा श्री फल (नारियल) समर्पित करें।
यहां बता दें कि इस व्रत में पूरा दिन निराहार रहकर इनके व्रत का पालन किया जाता है। 
शिव चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

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