गुरु प्रदोष पर इस विधि से करें पूजा, जानें मुहूर्त
व्रत गुरु प्रदोष पर इस विधि से करें पूजा, जानें मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ये व्रत दिन के अनुरूप अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि सोमवार को आने पर इसे सोम व्रत के नाम से जाना जाता है। फिलहाल, आज यानी कि गुरुवार 02 फरवरी को गुरूप्रदोष व्रत है। माना जाता है कि, प्रदोष व्रत में भोलेनाथ की पूजा से उन्हें जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है।
शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी शुभारंभ: 2 फरवरी 2023 को शाम 4 बजकर 26 मिनट पर
त्रयोदशी समापन: 3 फरवरी 2023 को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर
पूजा का मुहूर्त: शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 46 मिनट तक
पूजा विधि
- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।
- साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं।
- फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
- फिर शाम के समय जब सूर्यास्त होने वाला होता है उस समय सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें।
- विभिन्न फूलों, बेलपत्रों से शिव को प्रसन्न करें।
- शिव जी की पूजा करते समय शिव पुराण और शिव स्तुति करें।
- शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें। इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
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