इसलिए मनाया जाता है गणगौर तीज पर्व, मिलता है ये वरदान

इसलिए मनाया जाता है गणगौर तीज पर्व, मिलता है ये वरदान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-04 09:50 GMT
इसलिए मनाया जाता है गणगौर तीज पर्व, मिलता है ये वरदान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि को शुक्ल तृतीया का दिन गणगौर तीज के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व इस बार 8 अप्रैल 2019 को पड़ रहा है। यह पर्व विशेष रूप से सुहागन स्त्रिओं का होता है। इस दिन शिवजी ने पार्वतीजी को फिर पार्वतीजी ने सम्पूर्ण स्त्री जाति को सौभाग्य का वरदान दिया था। इस दिन सुहागन स्त्रियां दोपहर तक व्रत रखती हैं। ‍स्त्रियां इस दिन नाच-गाना, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्यौहार मनाती हैं। इस दिन कुंआरी कन्याएं भी अपने लिए सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए गणगौर माता का व्रत पूजन करती हैं।
 
गणगौर तीज का यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और गणेशजी के जन्म पर आधारित होता है। जब माता पार्वती ने शिवजी से पुत्र की कामना की तो उन्होंने पार्वती को 12 वर्ष तप करने का सुझाव दिया। इसके बाद पार्वतीजी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिनका नाम गणेश रखा गया। 

पति की लंबी उम्र एवं घर में सुख-शांति के लिए महिलाएं गणगौर पर्व मनाती हैं। 16 दिवसीय गणगौर पूजा के इस पर्व की शुरुआत होली के दूसरे दिन से हो जाती है। यानी कि चैत्र शुक्ल नवरात्रि की तृतीया तिथि को सोलहवें दिन गणगौर तीज के रूप में यह त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने सुहाग (पति) की लंबी आयु के लिए सोलह श्रृंगार कर गणगौर तीज का पर्व मनाएंगी। 

गणगौर तीज का मह्त्व :-
गणगौर तीज पर महिलाओं में बहुत उत्साह रहता है। श्रृंगार के प्रतीक इस पर्व पर महिलाएं सामूहिक गीत गाती हैं, पूजा-अर्चना करती हैं और नाच-गाकर खुशियां मनाती हैं। साथ ही शिव-पार्वतीजी की तरह अपने दांपत्य जीवन को आनंदित रखने की कामना करती हैं। 

गणगौर उत्सव पूजन विधि :-
गणगौर तीज का पर्व सुहागनें अपने सुहाग के लिए और कुंवारी लड़कियां शिवजी जैसे वर की कामना को मन में रखकर मनाती हैं। इस दिन सुहागन स्त्रियां कलश लेकर मंदिर जाती हैं। 12 पत्तियों को पूजा के स्थान पर रखती है। इस दिन पान खाया जाता है, इस दिन गुलाल लगाकर गन्ने का रस पीया जाता है।

इस दिन महिलाएं पूजन सामग्री एकत्रित कर आस्थापूर्वक पूजन करती हैं। महिलाएं इस दिन उद्यापन भी करती हैं। मंदिरो में अनेक महिलाएं एकत्रित होकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं और फूलपाती निकालती हैं। इस दिन कई स्थानों पर गणगौर माता की बहुत धूमधाम से शोभायात्रा निकाली जाती है।

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