इंस्टाग्राम अकाउंट वेरिफिकेशन फ्रॉड करने वाले पकड़े गए

नई दिल्ली इंस्टाग्राम अकाउंट वेरिफिकेशन फ्रॉड करने वाले पकड़े गए

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-26 19:30 GMT
इंस्टाग्राम अकाउंट वेरिफिकेशन फ्रॉड करने वाले पकड़े गए
हाईलाइट
  • घोटाले का मास्टरमाइंड बीए प्रथम वर्ष का छात्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुलिस ने इंस्टाग्राम अकाउंट को वेरिफाई करने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सोशल नेटवर्किं ग सेवा इंस्टाग्राम के अनुसार, एक सत्यापित बैज एक ब्लू टिक है जो खोज में और प्रोफाइल पर इंस्टाग्राम अकाउंट के नाम के आगे दिखाई देता है। इसका मतलब है कि इंस्टाग्राम ने पुष्टि की है कि एक खाता सार्वजनिक व्यक्ति, सेलिब्रिटी या ब्रांड की प्रामाणिक उपस्थिति है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है।

अधिकारी ने बताया कि एक महिला ने द्वारका के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके बेटे को अज्ञात जालसाजों ने 14,400 रुपये ठगे हैं। उसने कहा कि उसके 15 वर्षीय बेटे को उसका इंस्टाग्राम अकाउंट वेरिफाई करने के लिए एक मोबाइल नंबर मिला है। जब उसके बेटे ने उस नंबर पर संपर्क किया तो फोन करने वाले ने उसे यूपीआई के जरिए 6,000 रुपये जमा करने को कहा।

बाद में उसके बेटे को फिर से 5,700 रुपये जमा करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि उसका खाता अवरुद्ध कर दिया गया था। तीसरी बार जालसाजों ने आगे की कार्रवाई के लिए 2,700 रुपये और मांगे। जैसा कि शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उसे धोखा दिया गया था, उसने अपने पैसे वापस मांगे, हालांकि, कथित व्यक्तियों ने राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया और उसे अवरुद्ध कर दिया।

इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। जांच के दौरान फोनपे, यूपीआई और कोटक महिंद्रा बैंक से कथित धोखाधड़ी वाले लेनदेन के लाभार्थी विवरण प्राप्त किए गए थे।

तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस टीम ने पीतमपुरा और रोहिणी क्षेत्र में छापेमारी कर बीए प्रथम वर्ष के एक आरोपी शिवम देव (19) और उसके कहने पर दूसरे आरोपी शुभम कुमार (21) को गिरफ्तार किया है। घोटाले का मास्टरमाइंड भी बताया जा रहा है। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे उन इंस्टाग्राम यूजर्स को ढूंढते थे, जिनके अकाउंट वेरिफाइड नहीं थे। इसके बाद उन्होंने अपने खातों को सत्यापित करने के लिए उन्हें अलग-अलग आईडी के माध्यम से संदेश भेजे। जब भी कोई यूजर इंटरेस्ट दिखाता तो यूपीआई के जरिए पैसे की मांग करता था और पैसा मिलने के बाद सेंडर्स को ब्लॉक कर देता था।

(आईएएनएस)

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