चाइनीज स्कैम का पर्दाफाश, ऐप के जरिए 5 लाख भारतीयों से 150 करोड़ रुपये ठगे

चाइनीज स्कैम का पर्दाफाश, ऐप के जरिए 5 लाख भारतीयों से 150 करोड़ रुपये ठगे

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-10 12:22 GMT
चाइनीज स्कैम का पर्दाफाश, ऐप के जरिए 5 लाख भारतीयों से 150 करोड़ रुपये ठगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने चीन स्थित संस्थाओं की ओर से चलाए जा रहे एक मनी लॉन्ड्रिंग स्कैम का भंडाफोड़ किया है। इस फाइनेंशियल क्रैकडाउन में दिल्ली पुलिस ने दो सीए, एक तिब्बती महिला और आठ अन्य को गिरफ्तार किया गया है। एक ऑनलाइन मल्टी-लेवल मार्केटिंग कैंपेन की आड़ में चल रहे मैलिशियस क्विक अर्निंग ऐप्स के माध्यम से लगभग पांच लाख भारतीयों को ठगा गया है। चीनी जालसाजों ने पैसों की ठगी के साथ-साथ लोगों का संवेदनशील डेटा भी चुरा लिया गया। पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव के अनुसार, केवल दो महीनों में 150 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई है।

पुलिस ने चीनी जालसाजों के लिए 110 से अधिक कंपनियों का गठन करने वाले गुड़गांव के एक सीए से 97 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। विभिन्न बैंक खातों और पेमेंट गेटवे में 11 करोड़ रुपये ब्लॉक कर दिए गए हैं। ऐप्स के माध्यम से चीनी जालसाज 24-35 दिनों में निवेश राशि को दोगुना करने का लालच देते थे। उनके पास एक घंटे और दैनिक आधार पर रिटर्न का वादा करने वाली योजनाएं भी थीं। 300 रुपये से लेकर कई लाख तक के निवेश के विकल्प थे। पुलिस ने कहा कि एक ऐप पावर बैंक हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर नंबर 4 पर ट्रेंड कर रहा था। 

ऑपरेशन के ओरिजिन के बारे में बताते हुए, डीसीपी अन्येश रॉय ने कहा कि साइबर क्राइम सेल कई दिनों से सोशल मीडिया पर दो ऐप: पावर बैंक और ईज़ीप्लान से जुड़े पोस्ट को नोटिस कर रही थी। इसके बाद एसीपी आदित्य गौतम के नेतृत्व में एक टीम ने एक लैब में ऐप्स का टेक्निकल एनालिसिस किया। EZPlan वेबसाइट www.ezplan.in पर उपलब्ध था। पावर बैंक ऐप ने लोगों को धोखा देने के लिए खुद को बेंगलुरु स्थित टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप के रूप में पेश किया, जो क्विक-चार्जिंग तकनीक में शामिल था। हालांकि, सर्वर जिस पर ऐप होस्ट किया गया था वो चीन में स्थित पाया गया।

ये मैलिशियस ऐप्स अपने यूजर्स से कैमरा और कॉन्टेक्ट डिटेल्स रीड करने जैसी परमिशन मांगते थे। बड़ी संख्या में लोगों को अधिक निवेश करने के लिए लुभाने के लिए, निवेशित राशि का 5-10% का पे आउट दिया जाता था। इससे लोग ऐप पर भरोसा करने लगते और अधिक पैसा निवेश करना शुरू कर देते। इसके साथ ही अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ ऐप को शेयर करना शुरू कर देते थे। एक बार जब किसी ने बड़ी राशि का निवेश कर दिया, तो ऐप उसका खाता ब्लॉक कर देता था। इससे उस व्यक्ति को बड़ा फाइनेंशियल लॉस होता था।

लोगों तक पहुंचने के लिए चीनी हैंडलर व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे विभिन्न ऐप से संपर्क साधते थे। इसके साथ ही वो कुछ लोगों को शेल कंपनियां बनाने और फर्जी बैंक खातों के लिए अपने पार्टनर के रूप में हायर करते थे। जालसाजों द्वारा बड़ी संख्या में ऐसे ऐप्स सर्कुलेट किए गए हैं, जिनमें पावर बैंक, EZCoin, सन फैक्ट्री, लाइटनिंग पावर बैंक आदि शामिल हैं। इनमें से कुछ मैलिशियस ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर भी लिस्ट किया गया था। 

पुलिस ने कहा कि इनमें से ज्यादातर ऐप का प्रचार यूट्यूब चैनल, टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप चैट लिंक के जरिए और बल्क एसएमएस के जरिए किया जाता था। एक बार जब उपयोगकर्ता ऐप पर रजिस्टर हो जाता है, तो उसे बहुत अधिक रिटर्न अर्जित करने के लिए बार-बार पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता था।

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