IND VS SA 3rd Test: धोनी के गढ़ में कल सीरीज क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

IND VS SA 3rd Test: धोनी के गढ़ में कल सीरीज क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-18 11:34 GMT
IND VS SA 3rd Test: धोनी के गढ़ में कल सीरीज क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

डिजिटल डेस्क, रांची। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच कल से रांची के झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) मैदान पर खेला जाएगा। तीन मैचों की इस टेस्ट सीरीज में भारत ने पहले ही 2-0 की अजय बढ़त बना ली है। भारत ने साउथ अफ्रीका को पहले टेस्ट में 203 रन से हराया था। इसके बाद दूसरे टेस्ट में भारत ने एक पारी और 137 रनों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले एमएस धोनी के घरेलू मैदान पर भारतीय टीम ने एकमात्र टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला है, जो ड्रॉ रहा था। अब भारतीय टीम यह मैच जीत कर सीरीज पर क्लीन स्वीप करना चाहेगी। वहीं साउथ अफ्रीका की कोशिश यह मैच जीतकर घर वापस करने की होगी। 

साउथ अफ्रीका के पास यह मैच आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अहम अंक हासिल कर अंकतालिका में अपने आप को मजबूत करने के मौके के सिवाए कुछ नहीं है। टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत में जिस तरह की बातें कही जा रही थीं कि इसमें हर एक मैच अहम होगा, इसकी बानगी तीसरे मैच में देखी जा सकती है। बेशक साउथ अफ्रीका सीरीज नहीं जीत सकती है लेकिन यह मैच जीत कर वह अपने हिस्से 40 अंक ले सकती है, जो आगे उसे काम आएंगे। इस लिहाज से इस मैच को औपचारिकता मात्र नहीं कहा जा सकता।

वहीं, भारत सीरीज के दो मैच जीत 80 अंक इस सीरीज से ले चुका है, लेकिन उसकी कोशिश भी 40 अंक और लेने की होगी जो चैंपियनशिप में अहम पड़ाव पर उसे फायदा पहुंचा सकते हैं। दो टूक बात कही जाए तो यह मैच किसी भी लिहाज से औपचारिकता मात्र नहीं माना जा सकता और दोनों टीमें यहां भी उसी प्रतिस्पर्धा और जुनून के साथ खेलेंगी जैसे सीरीज की शुरुआत में खेली थीं।

भारत अभी तक दोनों मैचों- विशाखापट्टनम और पुणे में एकतरफा प्रदर्शन करती आई है। उसने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा किया है। मेजबान अपने फॉर्म को जारी रखने की पूरी कोशिश करेगी। भारत की बल्लेबाजी इस सीरीज में विशाल स्कोर खड़ा करती रही है। पहले मैच में मयंक अग्रवाल के दोहरे शतक और रोहित शर्मा के दोनों पारियों में शतक के बूते भारत ने विशाल स्कोर किया था।

वहीं दूसरे मैच में मयंक ने फिर अपना जलवा दिखाया और इस बार उन्हें कप्तान विराट कोहली का साथ मिला था। कोहली ने पुणे में खेले गए मैच में अपने टेस्ट करियर का सातवां दोहरा शतक जड़ा था। इनके दम पर भारत ने 600 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और साउथ अफ्रीका को पारी से मात दी थी।

भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि विपक्षी टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने हाल ही में अपनी टीम के बल्लेबाजों को भारत से सीखने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की बात कही थी। मेहमान टीम के बल्लेबाज अपने कप्तान की बात को कितना गंभीरता से लेते हैं वो मैच में ही पता चलेगा। हां, यहां कि विकेट बल्लेबाजों के अनुरूप मानी जाती है और अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर स्कोरबोर्ड पर बड़ा स्कोर देखा जा सकता है।

साउथ अफ्रीका को हालांकि मैच से पहले एक बुरी खबर मिली है। उसके सलामी बल्लेबाज एडिन मार्कराम चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं। उनके स्थान पर डु प्लेसिस किसे टीम में स्थान देते हैं यह उनके चिंता का विषय होगा। मेहमान टीम के लिए अभी तक डी एल्गर कुछ अच्छा कर पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने पहले मैच में शतक लगाया था। उनके अलावा कप्तान और क्विंटन डी कॉक ने भी ठीक प्रदर्शन किया है। टेम्बा बावुमा, थेयुसि डी ब्रूयन के बल्ले का खामोश होना टीम के लिए चिंता की बात है।

दूसरे टेस्ट मैच में केशव महाराज ने संघर्षपूर्ण 72 रनों की पारी जरूर खेली थी लेकिन उनसे हर मैच में रन करने की उम्मीद करना बेमानी होगा। साउथ अफ्रीका के लिए भारत की गेंदबाजी सबसे बड़ी परेशान है। मोहम्मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा ने नई गेंद से उन्हें परेशान किया और जब विकेट से रिवर्स स्विंग मिलने लगती है तो यह सभी खासकर शमी और घातक हो जाते हैं।

रांची की विकेट चौथे और पांचवें दिन टूट सकती है। इस स्थिति में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा एक बार फिर मेहमान टीम के लिए सबसे बड़ी समस्या होंगे। भारत ने दूसरे मैच में हनुमा विहारी को बाहक कर उमेश को मौका दिया था। तीसरे मैच में कोहली क्या संयोजन रखते हैं। यह देखना होगा। कागिसो रबादा को छोड़ दिया जाए तो साउथ अफ्रीका का कोई और गेंदबाज मेजबान टीम के लिए परेशानी नहीं बन सका है। सेनुरान मुथुसामी और महाराज की स्पिन का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

टीमें  :-

भारत : विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, हनुमा विहारी, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, कुलदीप यादव, ऋषभ पंत।

साउथ अफ्रीका : फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), टेम्बा बावुमा (उप-कप्तान), थेयुनिस डे ब्रूयन, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), डीन एल्गर, जुबायर हम्जा, केशव महाराज, सेनुरान मुतुसामी, लुंगी नगिदी, एनरिक नोर्टजे, वार्नोन फिलेंडर, डेन पीट, कागिसो रबादा, रुडी सेकेंड।

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