IPL खोल रहा है टीम इंडिया के वर्ल्ड कप सीक्रेट्स! प्लेयर्स ने बोर्ड नीति को बताया जिम्मेदार
IPL खोल रहा है टीम इंडिया के वर्ल्ड कप सीक्रेट्स! प्लेयर्स ने बोर्ड नीति को बताया जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारत में इंडियन प्रीमियर लीग का जोश खेल प्रेमियों के सर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे में क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम का ऐलान भी हो चुका है। भारतीय टीम प्रबंधन भी विश्व कप की तैयारियों में पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की विदेशी खिलाड़ियों को IPL में शामिल करने की नीति से प्रबंधन खासा नाराज है। दरअसल बीसीसीआई की नीतियों के अनुसार कई पूर्व विदेशी खिलाड़ियों को टूर्नामेंट की टीमों का कोच और ऐनालिस्ट बनाया है। बोर्ड की इस पॉलिसी से खफा मैनेजमेंट ने इसे चिंताजनक बताते हुए नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि IPL के 12वें एडीशन का समापन 12 मई को होगा, फिर इसके लगभग दो सप्ताह बाद यानि 30 मई से वर्ल्ड कप 2019 का रोमांच शुरू हो जाएगा।
कई कारण हैं इसके पीछे
मैनेजमेंट की चिंता के कई बड़े कारण हैं। जैसे कि दिल्ली कैपिटल्स की कोचिंग संभाल रहे पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर रिकी पोंटिंग आस्ट्रेलिया टीम के सहायक कोच भी हैं। ऐसे में पोंटिग वर्ल्ड कप टीम में शामिल सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और कई भारतीय खिलाड़ियों के खेल को बारीकी से देख रहे हैं। पोंटिंग के अलावा दिल्ली के साथ श्रीलंका टीम के मुख्य एनालिस्ट श्रीराम सोमायाजुला भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।सोमायाजुला श्रीलंका टीम के साथ भी एनालिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं।
इंडियन क्रिकेट टीम के कुछ खिलाड़ियों के अनुसार वर्ल्ड कप से कुछ हफ्तों पहले रिकी पोंटिंग का भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के साथ समय गुजारना ठीक नहीं है। ठीक है कि IPL एक खुला बाजार है, लेकिन कुछ पाबंदियां तो खींची ही जानी चाहिए। टीम के सदस्यों ने कहा कि किंग्स XI पंजाब के साथ एनालिस्ट के तौर पर जुड़े हुए प्रसन्ना अगोराम साउथ अफ्रीका के साथ जुड़े रहे हैं। साथ ही खिलाड़ियों ने बताया कि सभी जानते हैं कि प्रसन्ना की मौजूदगी में दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन कितना सुधरा है, लेकिन विश्व कप से ठीक पहले भारतीय क्रिकेट में समय बिताना गलत है।
बीसीसीआई की पॉलिसी को बताया जिम्मेदार
मैनेजमेंट इसके पीछे बीसीसीआई की नीतियों को इसका जिम्मेदार बताता है। उनके अनुसार अगर IPL एक फ्री मार्केट है तो जो खिलाड़ी BCCI द्वारा आयोजित नीलामी में बिना बिके रह जाते हैं उन्हें विदेशों में जारी टूर्नामेंट्स में काम ढूंढने की छूट मिलनी चाहिए।
भारतीय क्रिकेट खेमे के मुताबिक BCCI की अपनी नीतियां हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि इन्हें किसने लागू किया है, लेकिन IPL को लेकर कोई भी यूनिफॉर्म पॉलिसी नहीं है। जूनियर इंडिया टीम के जो खिलाड़ियों ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल द्रविड़ जब नेशनल जूनियर टीम के कोच रहते हुए IPL फ्रेंचाईजी के साथ जुड़ गए थे, तब विवाद की स्थिती बनी थी। इसी तरह से भारतीय क्रिकेट प्रशासन और उनकी नीतियां कितनी अजीब हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि विवाद साफ है द्रविड़, तेंडुलकर, गांगुली और लक्ष्मण जैसे लोग अगर IPL से नहीं जुड़ेंगे तो किसका नुकसान होगा? मशहूर बैटिंग कोच प्रवीण आमरे का उदाहरण देते हुए कहा कि आमरे अच्छे बल्लेबाजी कोच हैं, लेकिन वह IPL की नौकरी के लिए किसी राज्य स्तरीय टीम या NCA टीमों के साथ नहीं जुड़ सकते। वहीं टॉम मूडी सनराईजर्स का कोच होते हुए भी केरेबियन प्रीमियर लीग से जुड़े हैं। खिलाड़ियों ने कहा कि बस एक ही शिकायत है कि BCCI यूनिफॉर्म पॉलिसी क्यों नहीं ला सकता।