सामना करने से डरते थे बल्लेबाज, ऐसा रहा मैदान पर शेन वॉर्न का क्रिकेट करियर
क्रिकेट के मैदान पर मचाया धमाल सामना करने से डरते थे बल्लेबाज, ऐसा रहा मैदान पर शेन वॉर्न का क्रिकेट करियर
- 1992 से हुई महान करियर की शुरुआत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शेन वॉर्न ने आज 4 मार्च 2022 को दिल का दौरे पड़ने से थाईलैंड में 52 साल की उम्र में आखरी सांस ली। शेर की तरह जिंदगी जीने वाले वॉर्न को क्रिकेट की दुनिया में सबसे महान गेंदबाज के रूप में जाना जाता है। अपनी उंगलियों के जादू से उन्होंने अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों की पिच पर गिल्लियां उड़ाई थी। उन्होंने उस दौर में लेग स्पिन गेंदबाजी को बढ़ावा देने में मदद की, जब तेज गेंदबाजों का बोलबाला था।
आइये एक नजर डालते है इस दिग्गज के क्रिकेट करियर पर -
1992 से हुई महान करियर की शुरुआत
शेन वॉर्न ने 23 साल की उम्र में भारत के खिलाफ 1992 में सिडनी टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। लेकिन उनकी काबिलियत को पहचान 1993 के एशेज के दौरान मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में इंग्लैंड के माइक गेटिंग एक जादुई गेंद पर क्लीन बोल्ड करने के बाद मिली। उस गेंद को क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ गेंद कहा जाता है।
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— N. (@Relax_Boisss) March 4, 2022
वॉर्न ने 1992 से 2007 के बीच 145 टेस्ट (708 विकेट) और 194 (293 विकेट) एकदिवसीय मैच खेले और अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान संयुक्त रूप से 1001 विकेट लिए।
वॉर्न वर्ल्ड क्लास गेंदबाज होने के साथ-साथ लोअर ऑर्डर के अच्छे बल्लेबाज भी थे। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3154 रन भी बनाए, जिसमे 12 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में वॉर्न का उच्चतम स्कोर 99 रन रहा। शतक ना बनाने का वॉर्न को जीवनभर मलाल रहा।
ऑस्ट्रेलिया को 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने में शेन वॉर्न का बहुत बड़ा हाथ था, वे टूर्नामेंट के दो सबसे महत्वपूर्ण मैच सेमीफाइनल और फाइनल में मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।
700 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने
शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में 600 और 700 विकेट तक पहुंचने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2005 में ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में 600 विकेट पूरे किए थे और 2006 में इंग्लैंड के ही खिलाफ मेलबर्न में अपने आखरी टेस्ट मैच में वॉर्न ने एंड्रयू स्ट्रॉस को बोल्ड कर 700 विकेट का आंकड़ा छुआ।
वॉर्न का सर्वाधिक विकेटों का रिकॉर्ड बाद में श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने तोड़ा। मुरली के नाम टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट दर्ज है।
टेस्ट क्रिकेट में वॉर्न ने सबसे ज्यादा विकेट इंग्लैंड के खिलाफ लिए। उन्होंने 36 टेस्ट में 23.25 की औसत से 195 विकेट चटकाए।
राजस्थान रॉयल्स को बनाया पहला चैंपियन
अपने 15 साल के करियर में उन्हें देश की कप्तानी करने का मौका नहीं मिला। हालांकि, 1999 में वह ऑस्ट्रेलिया के उपकप्तान बने और इसका उन्हें मलाल भी था लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वॉर्न ने आईपीएल में पहली बार कप्तानी की और पहले ही सीजन में राजस्थान रॉयल्स को चैम्पियन बनाया।
शानदार प्रदर्शन करने के लिए मिले सम्मान
वार्न को 1994 और 2004 में "विजडन क्रिकेटर्स ऑफ द ईयर" के रूप में नामित किया गया था और साथ ही 1997 और 2005 में उन्हें "विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड" भी नामित किया गया था। 2000 में, शेन को क्रिकेट विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा पांच में से एक "विजडन क्रिकेटर्स ऑफ द सेंचुरी" के रूप में चुना।
इसके अलावा उन्हें उन्हें 2005 एशेज के लिए "बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर" अवार्ड से नवाजा गया।
उन्हें साउथेम्प्टन सॉलेंट यूनिवर्सिटी से क्रिकेट की सेवा करने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है।