सोलापुर: विधायक सुभाष देशमुख के इस्तीफे की घोषणा पर चंद्रकांत पाटिल का यूटर्न
- राजनीती में इस्तीफा एक तयशुदा शब्द
- मराठा आरक्षण पर कहां किसी ने इस्तीफा दिया
डिजिटल डेस्क, पुणे। सोलापुर जिले के लिए स्वीकृत मिलेट सेंटर (अनाज अनुसंधान केंद्र) को पुणे जिले के बारामती में स्थानांतरित कर दिया गया है। सोलापुर में इसका हर स्तर पर विरोध हो रहा है। इस मुद्दे पर सोलापुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुभाष देशमुख ने मिलेट सेंटर सोलापुर में नहीं बनाया गया तो विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। जब सोलापुर जिले के संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार (4 दिसंबर) को सोलापुर दौरे पर थे तब मिलेट सेंटर के मुद्दे पर उन्हें सुभाष देशमुख के इस्तीफे की घोषणा की याद दिलाई। इस पर चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राजनीती में इस्तीफा एक तयशुदा शब्द है, इसका मतलब सच नहीं है। हालिया मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कई मराठा विधायकों ने इस्तीफा देने की बात कही थी लेकिन किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है, यह बताना भी वे नहीं भूले।
राज्य मराठी पत्रकार संघ द्वारा सोमवार को सोलापुर के सिटी पार्क होटल में चंद्रकांत पाटिल की अध्यक्षता में एक समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के बाद पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर टिप्पणी की। इस समय 2022-2023 में सोलापुर के लिए श्री खाद्य उत्कृष्टता अनाज प्रशिक्षण केंद्र को मंजूरी दी गई थी। यह घोषणा खुद देवेन्द्र फड़णवीस ने अपने बजट में की थी। हालिया जारी एक परिपत्र में घोषणा की गई है कि यह प्रशिक्षण केंद्र बारामती जाएगा। सोलापुर में सभी नेता अजित पवार का विरोध कर रहे हैं। भाजपा विधायक सुभाष देशमुख ने कहा था कि अगर सोलापुर के लिए स्वीकृत मिलेट सेंटर सोलापुर में नहीं बनाया गया तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। पत्रकारों ने चंद्रकांत पाटिल को इस इस्तीफे की याद दिलाई, तब इस पर पाटिल ने कहा, राजनीति में इस्तीफा एक तयशुदा शब्द है। वास्तव में कोई भी इस्तीफा नहीं देता, यह बोलने का एक तरीका है। राजनीति में इस्तीफा शब्द को सही नहीं माना जाता है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई है। इस पर संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, जिन राज्यों में कांग्रेस चुनाव हारती है, वहां ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को दोष दिया जाता है। नाच न आये आँगन टेढ़ा, कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है। पाटिल ने यह भी दावा किया कि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की हालत मुंह की खानेवाली होगी। तेलंगाना राज्य में बीआरएस की हालत ख़राब हो गई है। चंद्रकांत पाटिल ने यह भी कहा कि जो लोग विभिन्न प्रलोभनों में फंसकर बीआरएस में शामिल हो गए हैं, हम उन्हें वापस भाजपा में ले लेंगे।