शहडोल: मिशन लाइफ जागरूकता अभियान में कॉलेज तक नहीं जा सके पीसीबी के अधिकारी
- मिशन लाइफ जागरूकता अभियान में कॉलेज तक नहीं जा सके पीसीबी के अधिकारी
- छात्रों को ही कार्यालय बुलाया तो बैठने तक का नहीं था इंतजाम
डिजिटल डेस्क, शहडोल। मिशन लाइफ कार्यक्रम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) द्वारा चलाया जा रहा जागरूकता अभियान कोरम पूर्ति तक सीमित होकर रह गया है। इसका ताजा मामला 20 मार्च को सामने आया जब कॉलेज के छात्रों को मिशन लाइफ के बारे में जागरूक करने के लिए पीसीबी के अधिकारी कार्यालय से महज 1 किलोमीटर दूर पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय के शहर स्थित कैंपस तक नहीं जा सके। उल्टे छात्रों को ही पीसीबी कार्यालय बुलवा लिया। यहां सभाकक्ष में कार्यक्रम आयोजित हुआ तो पीबीसी के अधिकारी-कर्मचारी तो कुर्सी में बैठकर भाषण देते रहे, लेकिन सुनने के लिए कॉलेज से पहुंचे आधे से ज्यादा छात्रों को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली। ऐसे छात्र खड़े रहकर ही अधिकारियों का भाषण सुनते रहे। छात्रों ने बताया कि पीसीबी ने कार्यालय तक बुलवाया था तो कम से कम बैठने का तो इंतजाम कर देते।
प्रधानमंत्री ने पेश किया था कांसेप्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में यूएनएफसीसीसी कॉप26 के दौरान ग्लासगो में वैश्विक नेताओं के शिखर सम्मेलन में मिशन लाइफ यानी पर्यावरण के लिए जीवन शैली के कॉन्सेप्ट को पेश किया था। इसके बाद से इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पीसीबी द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
क्या है मिशन लाइफ
सामाजिक कार्यों में सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम का उपयोग बंद करने तक पूर्ण बहिष्कार की ओर प्रयास करने लिए चलाए जा रहे मिशन लाइफ अभियान में पीसीबी को दायित्व सौंपा गया है कि इस बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें। इसमें ऊर्जा बचाने, पानी की बचत, पौधरोपण, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने, कूड़ा कम करने, ई-वेस्ट कम करने व हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने के बारे में बताया जाता है।
अवकाश के दिन नहीं करता बात : क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी
मिशन लाइफ में कामचलाऊ कार्यक्रम पर पीसीबी के आरओ (क्षेत्रीय अधिकारी) मुकेश श्रीवास्तव ने शनिवार को फोन पर कहा कि अवकाश के दिन बात करता। वहीं कार्यक्रम का संचालन कर रहे उपयंत्री श्रेयांस पांडेय ने विभाग की लापरवाही पर पल्ला झाड़ते हुए लिपिक विश्वनाथ वर्मा से बात करने की सलाह दे डाली तो लिपिक विश्वनाथ वर्मा का कहना था कि वे तो अधिकारियों से मिलने वाले निर्देश का ही पालन करते हैं।