सतना: किशोरी ने घर से भाग चलने का बनाया दबाव तो सीने पर मुक्के बरसाकर खेत मालिक ने ले ली जान
डिजिटल डेस्क, सतना। रामपुर बाघेलान पुलिस ने 15 वर्षीय नाबालिग की हत्या का खुलासा कर आरोपी को पकड़ लिया है, जिसे सोमवार सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा। टीआई उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि बीते 19 नवम्बर की रात को किशोरी रहस्यमय ढंग से घर से लापता हो गई, लेकिन परिजनों ने पुलिस से शिकायत करने के बजाय अपने स्तर पर खोजबीन जारी रखी। अंतत: 23 नवम्बर की सुबह थाने आकर सूचित किया, मगर इसके कुछ घंटे बाद ही किशोरी की लाश घर से करीब 3 सौ मीटर दूर स्थित तालाब में पड़ी मिली, शरीर पर पूरे कपड़े नहीं थे। आसपास सर्चिंग करने पर लैगी बरामद हो गई। तब मर्ग कायम कर रामपुर अस्पताल में डॉक्टर टीम से पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें गला दबाने और पसलियां टूटने से मौत की बात सामने आई तो हत्या का अपराध दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई गई।
ऐसे मिला सुराग----
पुलिस ने जब मृतिका के परिजन और पड़ोसियों से पूछताछ की तो ज्ञात हुआ कि नाबालिग की दादी 19 नवम्बर को ही अपनी बेटी के प्रसव के लिए जिला अस्पताल आ गई थी। उसी रात को बहू से किशोरी के गायब होने की खबर मिली। जांच-पड़ताल के दौरान जब परिवार के अन्य लोगों को बयान के लिए बुलाया गया, तब उसकी चाची ने खुलासा किया कि 19 तारीख की रात को जब वह घर से बाहर निकली तो जेठानी के कमरे का दरवाजा खुला था, ऐसे में संदेह होने पर बाहर निकलकर देखा तो किशोरी के साथ आरोपी रामभजन पुत्र अमृलाल केवट 41 वर्ष मौजूद था। उसने तुरंत आवाज लगाई तो आरोपी बाड़ी कूदकर भाग गया। इस बीच हल्ला सुनकर ससुर भी आ गए। उन्होंने किशोरी को डाट-फटकार लगाई, मगर वह कुछ सुने बिना घर से बाहर निकल गई। इस बयान की तस्दीक के बाद फौरन ही रामभजन को हिरासत में लेकर कड़ाई से सवाल-जवाब किए गए तो आरोपी ने हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया।
पीछा छुड़ाने उतारा मौत के घाट---
आरोपी ने खुलासा किया कि किशोरी अपनी मां के साथ उसके खेत पर मजदूरी करने आती थी, तभी से संबंध बन गए। 19 नवम्बर की रात को जब दादी घर पर नहीं तो उसने मिलने के लिए बुलाया, मगर परिजनों के आ जाने से हल्ला हो गया, लिहाजा वह भागकर अपनी झोपड़ी में आ गया। इसके कुछ देर बाद ही नाबालिग भी पीछे-पीछे वहां आ गई और गांव से बाहर भाग चलने का दबाव बनाने लगी। काफी समझाने और बीबी-बच्चों का हवाला देने पर भी वह नहीं मानी। अंतत: बहला-फुसलाकर पहले शारीरिक संबंध बनाए, फिर गला दबाने के साथ सीने पर ताबड़तोड़ मुक्के बरसाए, जिससे किशोरी अचेत हो गई, तब घसीटकर तालाब के पास ले गया और फिर से मारपीट कर मौत के घाट उतार दिया। लाश को वहीं छोड़कर आरोपी वापस झोपड़ी में आकर सो गया और अगले दिन से किशोरी के परिजनों के साथ खोजबीन में सहयोग का नाटक करने लगा। इस बयान की तस्दीक करते हुए धारा 302 के अपराध में आईपीसी की धारा 376, 376 (2)(आई), 376(2)(ड), 376(2)(क), 201 एवं पाक्सो एक्ट की धारा 4(2) का इजाफा किया गया।
इनकी रही सराहनी भूमिका---
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी उमेश प्रताप सिंह के साथ एसआई एलपी वर्मा, सुभाष वर्मा, एएसआई देवप्रकाश पांडेय, आरक्षक प्रवीण तिवारी, विश्वदीप तिवारी, विक्रम दीक्षित और अनूप मिश्रा के अलावा साइबर टीम के एसआई रूपेन्द्र राजपूत और एएसआई दीपेश पटेल ने अहम भूमिका निभाई।