सतना: केन्द्रीय कारागार से बड़वानी जेल भेजा गया हिस्ट्रीशीटर राजन
- डीजी जेल के आदेश पर की गई कार्रवाई
- पुलिस लाइन से पर्याप्त बल प्राप्त कर बुधवार की सुबह आरोपी को रवाना कर दिया
- जेल से छूटने के बाद आरोपी फिर से अपराध में लिप्त हो गया
डिजिटल डेस्क,सतना। हिस्ट्रीशीटर राजन सिंह पुत्र उदयभान सिंह 31 वर्ष, निवासी करही-पवाई, थाना सिविल लाइन, को पुलिस महानिदेशक (जेल) राजेश चावला के आदेश पर सेंट्रल जेल सतना से बड़वानी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।
आरोपी के अपराधिक रिकार्ड और पूर्व में बंदी रहने के दौरान की गई हरकतों की रिपोर्ट केन्द्रीय कारागार प्रबंधन ने डीजी जेल को प्रेषित की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने उक्त कदम उठाया है।
मंगलवार शाम को प्राप्त आदेश के पालन में जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने पुलिस लाइन से पर्याप्त बल प्राप्त कर बुधवार की सुबह आरोपी को रवाना कर दिया।
स्थानीय होने के चलते आरोपी राजन पर अन्य साथी बदमाशों को मिलाकर गिरोहबंदी करने की आशंका एक बार फिर बढ़ गई थी। ऐसे में जेल प्रशासन ने उसे बड़वानी जेल भेजने का निर्णय ले लिया।
4 दिन पहले गया सलाखों के पीछे
आरोपी राजन सिंह के खिलाफ सिविल लाइन, सिटी कोतवाली, नागौद और सिंहपुर में हत्या की कोशिश, लूट, मारपीट, अड़ीबाजी, शराब व नशीले सिरप की तस्करी और आर्म्स एक्ट समेत 40 से ज्यादा गंभीर अपराध दर्ज हैं।
आरोपी ने लगभग 3 साल पहले सिविल लाइन की तत्कालीन टीआई अर्चना द्विवेदी और उनके सहयोगियों पर गोली चलाने का दुस्साहस भी किया था। उसकी करतूतों के चलते तब रासुका की कार्रवाई की गई थी, मगर जेल से छूटने के बाद आरोपी फिर से अपराध में लिप्त हो गया।
5 दिन में 3 थाना क्षेत्रों में आतंक फैलाने पर हुई गिरफ्तारी
22 जनवरी को सिंहपुर क्षेत्र में लूटपाट करने के बाद एक अन्य हिस्ट्रीशीटर राहुल सिंह और हिमांशु सिंह को लोडेड पिस्टल देकर भाग निकला था, जिसमें पुलिस ने उक्त दोनों को गिरफ्तार कर अपराध दर्ज किया, जिसमें राजन को भी आरोप बनाया गया।
इस मामले में फरारी के दौरान राजन ने एक अन्य दोस्त साधू चतुर्वेदी को लेकर 26 जनवरी की रात करही में विट्स कॉलेज के गार्ड पर 12 बोर की बंदूक से फायरिंग कर दी, तो रेलवे के काम में लगे इंजीनियर को भी पीट दिया था।
इन घटनाओं को अंजाम देने के पश्चात शातिर बदमाश राजन और साधू पिकअप में सवा लाख के सिरप की तस्करी करते नागौद पुलिस के हत्थे चढ़ गए, जहां से दोनों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया।