रीवा में कचरे से पैदा होगी 12 मेगावाट बिजली

  • कचरे से 175 मेवा बिजली पैदा करेगी आरईएसएल
  • रीवा में कचरे से पैदा होगी बिजली
  • दिल्ली में 24 मेवा बिजली का उत्पादन शुरू

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-04 12:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इसे कहते हैं आम के आम, गुठलियों के दाम। शहरों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के साथ ही इससे खाद और बिजली बनाने का काम अभी जोरों पर है। दिल्ली हो या मुंबई, हैदराबाद हो या रीवा, हर जगह कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र लगाए जा रहे हैं। रीवा जैसा छोटा शहर भी कचरे से 12 मेगावाट बिजली पैदा करने की तैयारी में है। यह काम वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी आरई सस्टेनेबिलिटी (आरईएसएल) के कंधों पर है। कंपनी अब दिल्लीवासियों को कूड़े के पहाड़ से निजात दिलाना चाहती है।

आरईएसएल ने ग्रेटर हैदराबाद नगरनिगम के साथ मिलकर पिछले 12 वर्षों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में ऐसा कमाल दिखाया है कि महानगर को स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 में कचरा मुक्त शहर के लिए थ्री स्टार मिल चुका है। आरईएसएल के सीईओ मसूद मलिक ने बताया कि हमारे स्टेशनों तक पहुंचा कूड़ा कभी बाहर नहीं जाता। यानी कूड़े को किसी-न-किसी रूप में इस्तेमाल लायक बना दिया जाता है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद के विभिन्न इलाकों से रोजाना 6,000 टन कूड़ा उनके विभिन्न ट्रांसफर स्टेशनों में पहुंचता है।

दक्षिण भारत का पहला अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र बनाया

मसूद मलिक बताते हैं कि आरईएसएल के निपटान स्थलों में सूखे कचरे से खाद बनाया जाता है तो कूड़े से प्लास्टिक को अलग करके उससे अस्पतालों के लिए प्लास्टिक बैग बनाया जा रहा है। साथ ही गीले कचरे को बिजली में बदलने के लिए आरडीएफ प्लांट में डाला जाता है। कंपनी ने विभिन्न शहरों में कचरे से कुल 175 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसमें अकेले हैदराबाद से 100 से 115 मेगावाट बिजली पैदा होगी। जवाहननगर प्लांट से 24 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो गई है और यहां अतिरिक्त 24 मेवा एडवांस स्टेज में है। यह दक्षिण भारत का पहला और सबसे बड़ा अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र है।

दिल्ली में 24 मेवा बिजली का उत्पादन शुरू

दिल्ली के बवाना प्लांट में कचरे से 24 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। इसी प्लांट से अतिरिक्त 36 मेगावाट बिजली उत्पादन की भी योजना है। आरईएसएल के कॉर्पकाम प्रमुख रमेश बित्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश के रीवा में पहले चरण में कचरे से 6 मेगावाट बिजली बनाने का काम अंतिम चरण में है। रीवा प्लांट में अतिरिक्त 6 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। इसी प्रकार मुंबई के देवनार में अपशिष्ट से 8 मेगावाट बिजली पैदा होगी। नोएडा में ध्वस्त किए गए सुपरटेक ट्विन टॉवर के मलबे को हटाने और इसे रिसाइकल करने का काम भी आरईएसएल ही कर रही है।

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