Panna News: पहाडीखेरा से सटे सतना जिले के झाली गांव को पन्ना जिले में शामिल करने की मांग

  • पहाडीखेरा से सटे सतना जिले के झाली गांव को पन्ना जिले में शामिल करने की मांग
  • चारों ओर से पन्ना जिले की सीमाओं से घिरा हुआ गांव
  • गांव से ग्राम पंचायत कुहारी बीस किलोमीटर दूर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-27 08:33 GMT

Panna News: पन्ना से ४० किलोमीटर दूर स्थित विकासखण्ड पन्ना की ग्राम पंचायत पहाडीखेरा से महज डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम झाली जो कि सतना जिले के विकासखण्ड एवं तहसील मझगवां एवं थाना बरौधा का एक गांव है। भौगोलिक दृष्टि से पन्ना जिले से चारों ओर से घिरा हुआ गांव है। पन्ना जिले के चारों ओर से घिरे ग्राम झाली के लोगों द्वारा प्रदेश में तहसीलों, गांवों की सीमाओं के पुर्नगठन के लिए पुर्नगठन आयोग बनाने और परिसीमन को लेकर शुरू की गई कार्यवाही के बाद गांव के लोग झाली गांव को सतना जिले की जगह पन्ना जिले में शामिल किए जाने की मांग कर रहे है। जिसकी वजह झाली गांव जो कि सतना जिले में सम्मलित गांव है यह गांव पूरी तरह से विकास और रोजगार की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। गांव के लोगों को थाना, कचेहरी तथा पंचायत से जुडी समस्याओं को लेकर लंबी दूरी नापते हुए परेशानी उठानी पड रही है। झाली गांव जो कि पन्ना की ग्राम पंचायत पहाडीखेरा से महज डेढ़ किलोमीटर दूर है जिसकी ग्राम पंचायत सतना के मझगवां विकासखण्ड की ग्राम पंचायत कुहारी निर्धारित है और कुहारी गांव की ग्राम झाली से दूरी २० किलोमीटर है।

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गांव से ग्राम पंचायत की २० किलोमीटर दूरी होने की वजह से एक ओर जहां पंचायत से होने वाले छोटे-छोटे कामकाजों को लेकर परेशानी उठानी पडती है वहीं ग्राम पंचायत के नुमाइनदों एवं पंचायत पदाधिकारियों की स्थिति यह है कि पंचायत मुख्यालय से २० किलोमीटर दूर पन्ना जिले की सीमाओ से घिरे इस गांव की समस्याओं के निदान और शासन की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने को लेकर रूचि नहीं रही है और गांव के गरीब ग्रामीणों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं का भी समुचित रूप से लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांव में समस्यायें अधिक होने और रोजगार के साधन नहीं होने के चलते गांव में रहने वाले बडी संख्याओं में लोग धीरे-धीरे पलायन करते जा रहे है जो लोग है वह समस्याओं से परेशान है और वह अब गांव पन्ना जिले में गांव को शामिल करने और गांव की समीपवर्ती पन्ना जनपद की ग्राम पंचायत में गांव को शामिल किए जाने की मांग कर रहे है।

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एक-दो परिवारों को छोडक़र झाली गांव में रहने वाले सभी आदिवासी

झाली गांव जो कि पहाडीखेरा ग्राम पंचायत से लगा हुआ सतना जिले का गांव है इस गांव की आबादी ५५० से अधिक है। गांव में जो लोग रहते है एक-दो परिवार ब्राह्मण परिवार है शेष सभी आदिवासी परिवार है। जो कि ज्यादातर मजदूरी के लिए निर्भर है परंतु इस गांव के लोगों को मनरेगा योजना से ही मजदूरी नहीं मिल पाती। पंचायत से २० किलोमीटर दूर स्थित झाली गांव में मनरेगा योजना के सभी काम बंद है। लोगों को जहां पंचायत से संबंधित समस्याओं का दशकों से सामना करना पड रहा है वहीं गरीब आदिवासी ग्रामीणों को थाना, कचेहरी की समस्याओं को लेकर भी परेशान होना पड रहा है। पन्ना स्थित पहाडीखेरा पुलिस चौकी हमारे यहां से मात्र डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित है जबकि झाली गांव का जो थाना बरौधा है वह ३५ किलोमीटर दूर है इसके चलते पुलिस की सहायता भी जरूरत पडने पर समय पर नहीं मिल पाती है। इसके साथ ही साथ गांव से जिला मुख्यालय सतना जहां पर जिला न्यायालय सहित कलेक्ट्रेट और विभाग के जिला कार्यालय स्थित है झाली गांव से ६५ किलोमीटर दूर है जबकि झाली गांव पन्ना जिला मुख्यालय मात्र ४० किलोमीटर दूर है और इसके चलते झाली गांव के ग्रामीणों को परेशानी का सामना दूरी अधिक बढ जाने की वजह से करना पडा है और लोगों का कहना है कि इस आधार पर झाली गांव का हित पन्ना जिले में शामिल होने में है।

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झाली गांव में पीने के पानी की नहीं है व्यवस्था

झाली गांव की समस्याओं को लेकर गांव की भौेगोलिक स्थिति बाधक बनी हुई है और बुनियादी समस्याओं का लोगों को सामना करना पड रहा है गांव के लोगों को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं हैं। तीन हैण्ड पम्प स्थापित किए गए जिनसे पानी नहीं निकल रहा है गांव के लोग इसके चलते मजबूरी में डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित दूसरे गांव शाहपुरा के एक कुएं से पानी भरकर लाते हैं या तो गांव से कुछ दूर स्थित बरसात की छोटी सी नदीं का पानी उपयोग करने के लिए मजबूर है।

पांचवीं के बाद स्कूल छोड देते है गांव के अधिकांश बच्चे

ग्राम झाली की शिक्षा के मामले में स्थिति दयनीय है ज्यादातर आदिवासी, गरीब मजदूर गांव में काम नहीं होने यहां तक कि मनरेगा से भी काम नहीं होने के चलते पलायन कर जाते हैं साथ ही साथ छोटे बच्चों को भी ले जाते है। शिक्षा की व्यवस्था के नाम पर गांव में एक प्राथमिक पाठशाला है। जिसमें एक नियमित तथा एक अतिथि शिक्षक पदस्थ है, दर्ज बच्चों की संख्या मात्र २७ है गांव के लोगों ने बताया कि गांव में पांचवी तक ही पाठशाला है जो बच्चे गांव में रहते है उनसे ज्यादतर बच्चे पांचवी से आगे की पढा़ई पूरी तरह से छोड देते है। प्राइमरी स्कूल में बोर हुआ था जिसकी मोटर सालों से खराब पडी हुई है बच्चों और शिक्षकों को पानी की स्कूल में सुविधा नहीं है और छोटे-छोटे बच्चे इसके चलते पानी के लिए परेशान होते हैं।

पन्ना जिले में गांव के शामिल होने से समस्याओं के समाधान की उम्मीद

झाली गांव जो कि पन्ना जिले की सीमाओं से पूरी तरह से घिरा गांव है यहां के लोग वर्षाे से छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर परेशान हो रहे है। दूरी २० किलोमीटर होने के चलते पंचायत तक ध्यान नही देती यदाकदा ही पंचायत सचिव अथवा रोजगार सहायक जब जरूरी काम हुआ तब इस गांव तक पहुंचते है तरह-तरह से समस्याओं से ग्रामीणों का कहना है हर दृष्टि से ग्राम झाली को सतना की जगह पन्ना जिले में शामिल किया जाना उचित है गांव से लगी पन्ना जनपद की किसी भी एक ग्राम पंचायत के गांव को शामिल किया जाये जिससे कोर्ट, कलेक्ट्रेट, पंचायत, थाने आदि की जरूरतों पर जो दूरियां अधिक होने से गांव के लोगों को परेशानी हो रही है उसका समाधान होगा साथ ही साथ गांव तक शासन के विकास रोजगार की योजनायें सही तरीके से पहुंचेगी।

दिनभर मजदूरी करने के लिए कहीं बाहर जाते है और शाम थककर वापिस लौटते है तो ग्राम से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव शाहपुरा के पास कुआ से पानी भरकर लाना पडता है जहां तक जाने के लिए खेतो से होकर जाना पडता है और जिनके खेत है वे आए दिन नाराज हो जाते है इस तरह की स्थिति गांव की समस्याओ को लेकर जिम्मेदार ग्राम पंचायत तथा अन्य लोगो का अधिक दूरी पर होना बडा कारण है जिसके चलते पंचायत और विभागो के अधिकारी हमारे गांव की समस्याओ से सही तरीके से वाकिफ तक नही है बेहतर होता कि हमारे गांव को सतना की जगह पन्ना में शामिल कर दिया जाता है।

केशकली गौड़, ग्रामीण मजदूर महिला

अपने गांव में हमें छोटी-छोटी समस्याओ का सामना करना पडता है यदि बिजली खराब हो गई तो उसके बनने में १५ से २० दिन लग जाते है। पन्ना जाने पर बताया जाता है कि सतना के मझगवां से काम होगा और मझगवां जाते है तो लोग वहां भी ठीक से सुनते नही है। १५-१५ दिन तक इसके चलते कई बार बिजली ही ठीक नही हो पाती है गांव को पन्ना जिले में शामिल किया जाना चाहिए।

अशोक गौड़, ग्रामीण मजदूर

हमारे चारो तरफ पन्ना जिले के गांव है गांव की पंचायत ही २० किलोमीटर दूर है जबकि हमारे गांव से पन्ना जिले की ग्राम पंचायत पहाडीखेरा मात्र डेढ़ किलोमीटर दूर है यदि हमारे गांव को पहाडीखेरा ग्राम पंचायत में शामिल कर लिया जाये तो हमारी कई समस्यायें आसानी से हल हो जायेगी।

अटल बिहारी गौड, स्थानीय ग्रामीण

हमारे बच्चो को पढऩे के लिए मात्र पंाचवीं तक की ही सुविधा है हम लोग गरीब है उसके आगे बच्चो को बाहर भेजकर पढ़ा नही पाते है। गांव में रोजगार के साधन नही है और जमीन भी नही है। हमारी समस्याओ का समाधान नही हो रहा है हमारे गांव को पन्ना जिले में शामिल किया जाये।

राजाराम गौड़, स्थानीय ग्रामीण

इनका कहना है

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर युक्तियुक्त कारणों को अवगत कराते हुए कलेक्टर को अपना आवेदन दे सकत ेहैं। पुर्नगठन को लेकर गांव को पन्ना में शामिल किये जाने का प्रस्ताव समिति के सामने रखा जायेगा और इस संबध में जिला प्रशासन सतना से आवश्यक समन्वय स्थापित कर उचित कार्यवाही की जावेगी।

त्रिलोक सिंह पोसाम, अधीक्षक भू-अभिलेख पन्ना

मेरी पदस्थापना मझगवां तहसील में अभी-अभी हुई है, झाली गांव की स्थिति के संबध में मुझे जानकारी नहीं हैं। आपके माध्यम से जो जानकारी सामने आई है। गांव का सर्वे कराकर जो वस्तु स्थिति होगी उसकी रिपोर्ट भेजी जायेगी तदानुसार कार्यवाही होगी।

सौरभ द्विवेदी, तहसीलदार मझगवां जिला सतना

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