जन्म लेते ही नवजात बेटी के सिर से उठा मां का साया, प्रसूता के उचित उपचार को लेकर लापरवाही का आरोप
डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति दयनीय है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्त्री रोग चिकित्सक नहीं हैं। जिसके चलते प्रसूताओं के गंभीर प्रकरणों में प्रसूता महिलाओं की निर्भरता जिला चिकित्सालय पन्ना पर बनीं हुई है। जहां भी स्थिति अधिक बेहतर नहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्त्री रोग चिकित्सकों के नहीं होने से प्रसूता महिलाओं की निर्भरता अस्पतालों में कार्य करने वाली नर्सों पर निर्भर है। जिनके ऊपर भी यह आरोप लग रहे हैं कि प्रसूता महिलाओं से ली जाने वाली सुविधा शुल्क के लालच में गंभीर प्रकरणों में भी प्रसूता महिलाओं के जीवन के साथ खिलवाड हो रहा है। घटना जिले के देवेन्द्रनगर के ग्राम जमीन प्रताप सिंह मडैययन निवासी एक प्रसूता महिला की मौत को लेकर सामने आई है। घटना को लेकर प्रसूता मृतिका के जेठ राजा भैया पटेल ने बताया कि उसकी बहु श्रीमती गुडिया बाई पति राजबहादुर पटेल उम्र २० वर्ष की प्रसव वेदना बढने पर गुडिया को दिनांक ११-१२ अगस्त की रात्रि लगभग १ बजे उसे देवेन्द्रनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया।
देवेन्द्रनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सक पदस्थ नहीं हैं। इसके बावजूद वहां तैनात स्टॉफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद उसे उपचार के लिए रेफर किए जाने की कार्यवाही नहीं की गई तथा स्त्री रोग चिकित्सक नहीं होने के बावजूद जोखिम भरी डिलेवरी देवेन्द्रनगर अस्पताल में करवाई गई। जिसके चलते नवजात बच्ची को जन्म देने के बाद प्रसूता महिला का अत्याधिक रक्त स्त्राव होने लगा और उसकी हालत तेजी के साथ बिगडने लगी। महिला की हालत जब काफी गंभीर हो गई तो स्थानीय स्टॉफ द्वारा उसे सुबह ०६ बजे करीब पन्ना जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया। प्रसव के बाद अतयाधिक रक्त स्त्राव होने की वजह से प्रसूता महिला गुडिया की जिला अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में मौत हो गई। पैदा हुई मासूम बच्ची को लेकर परिजन गांव पहुंचे जहां परिजनों ने देवेन्द्रनगर के स्वास्थ्य कर्मचारियों पर गुडिया के उपचार में देवेन्द्रनगर स्वास्थ्य केन्द्र के स्टॉफ नर्सों पर जानबूझकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है तथा कहा कि समय पर उचित उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हुई है।
इनका कहना है
रात्रि में गर्भवती महिला प्रियंका उर्फ गुडिया पटेल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवेन्द्रनगर में भर्ती कराया गया था। महिला की हालत बेहद नाजुक थी महिला चिकित्सक न होने के कारण गुडिया को प्राथमिक उपचार करके जिला अस्पताल पन्ना रेफर कर दिया गया था। परिजनों द्वारा पन्ना ले जाने से मना कर दिया गया था। पिरजनों की सहमति पर ही अस्पताल में तैनात स्टॉफ नर्सों व स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा रिस्क लेकर सुरक्षित प्रसव कराने का पूरा प्रयास किया। प्रसव के दौरान अत्याधिक रक्त बह जाने से महिला की मौत हुई है। इसमें स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों का कोई दोष नहीं हैं।
डॉ. अभिषेक जैन
सीबीएमओ देवेंद्रनगर