गांव की बस्ती तक रात में पहुंचा तेंदुआ, बकरी का किया शिकार
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले के धरमपुर वनपरिक्षेत्र अंतर्गत सिल्हाई बीट क्षेत्र में आने वाले ग्राम पंचायत के मडऱका के सुकवाहा में रिहायशी क्षेत्र तक पहँुचे वन्यप्राणी तेंदुआ द्वारा एक पशुपालक के घर के तक पहँुचकर बकरी का शिकार किए जाने की घटना सामने आई है। बकरी का शिकार करने के बाद तेंदुआ लोगों द्वारा शोर किए जाने की वजह से मृत बकरी को ले जाने में सफल नहीं हो पाया तो उसने रात में उसे दोबारा पहँुचकर ले जाने की कोशिश की। तेंदुए की दस्तक ग्राम सुकवाहा तथा इचौलिया के आसपास पहाडी में पिछले चार दिनों से देखी जा रही है जिससे ग्रामीणों में तेंदुए को लेकर खौफ है। घटना के संबध में बकरी पालक रामजीयावन पिता जगप्रसाद लोधी निवासी सुकवाहा ने बताया कि रविवार की रात्रि को तेंदुआ जहां उसकी बकरी बंधी थी लगभग १० बजे पहँुचा तथा उसने बकरी पर हमला करते हुए उसे मार डाला। बकरी की चीख सुनकर वह लोग जाग गए और शोर शराबा किया तो रात्रि में तेदुआ वहां से भाग गया।
तेंदुए द्वारा बकरी को मारने की जानकारी उनके द्वारा वन विभाग को दी गई जिसके बाद रात्रि में वन विभाग की टीम आई और उसके द्वारा जांच की गई इसके बाद वन विभाग की टीम वापिस लौट गई। जिसके बाद रात्रि में तेंदुआ एक-दो बार फिर से उनके घर तक शिकार की गई बकरी को लेने के लिए पहँुचा जिसको लेकर वह रात में जाग रहे थे और शोर-शराबा के चलते तेंदुआ बकरी को ले जाने में सफल नहीं हो पाया और वहां से भाग गया। घटना के आज दूसरे दिन वन परिक्षेत्र अधिकारी, वनपरिक्षेत्र अधिकारी धरमपुर, डिप्टी रेंजर जयकरण तिवारी, वन रक्षक विकास मिश्रा द्वारा पुन: पहँुचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली गई तथा वन्य प्राणी के पैरों के निशान की जांच की गई। जिससे उसके तेंदुआ होने की प्राथमिक रूप से पुष्टि हुई। घटना पर वन विभाग द्वारा वन्यप्राणी से पशुपालक की बकरी की हुई मौत पर पंचनामा तैयार कर क्षतिपूर्ति का प्रकरण तैयार करने की जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि तेंदुए की क्षेत्र में पिछले चार दिनों से दस्तक देखी जा रही है।
चार दिन पूर्व ग्राम राजापुर के इचौलिया निवासी बाबूलाल लोधी के एक बछड़े का शिकार करने के बाद उसे वन्यप्राणी रात में उठाकर ले गया था जिसका कांकालनुमा शव बाद में मिला था इसके साथ ही साथ तेंदुए द्वारा इचौलिया निवासी कामता प्रसाद लोध की बकरी जो कि पहाडी में चर रही थी उसे घायल कर दिया गया था। इन गांवों में समीप से रूंज नदीं निकली हुई है तथा पत्थर की पहाडी है और उसी क्षेत्र में तेंदुआ घूम रहा है जिसको लेकर ग्रामीणजन दहशत में है तथा स्वयं तथा पशुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इस क्षेत्र से लगभग ०४ किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश का जंगल सटा हुआ है तथा लगभग ७-८ किलोमीटर दूर पंचमपुर का जंगल है कहा जा रहा है कि जंगल क्षेत्र से तेंदुआ यहां तक पहँुच गया है और उसके द्वारा किये जा रहे शिकार की घटनाओं से ग्रामीणजन चरवाहे दहशत में आ गए है।