पन्ना: 1200 साप्ताहिक पाठ परायण महायज्ञ का हुआ समापन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना के प्रसिद्ध महामति श्री प्राणनाथ जी मंदिर में बीते 24 दिसंबर से आयोजित 1200 साप्ताहिक पाठ पारायण महायज्ञ का समापन शनिवार 30 दिसंबर सुबह 12 बजे संपन्न हो गया। भीषण ठंड के बावजूद भी हजारों की संख्या में देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु सुंदरसाथ ने पहुंचकर इस महायज्ञ में शामिल होकर धर्मलाभ उठाया। आयोजित धार्मिक महोत्सव में प्रथम दिन हरियाणा भिवानी से परमहंस महाराज संत शिरोमणि सदानंद जी महाराज की उपस्थिति रही। इसके अलावा नौतन पुरी जामनगर से जगतगुरु श्री कृष्णमणि जी महाराज और महामंगल सूरत से गादीपति सूर्य नारायण जी महाराज, गाजियाबाद से सुदीप महात्मा जी के अलावा कई पुरिया से महाराज जी ने आकर महायज्ञ आयोजन में भाग लिया। समापन के अवसर पर धर्मगुरु डॉ. दिनेश एम. पंडित गुजरात आणंद से पन्ना पहुंचे और इस धार्मिक आयोजन में शामिल हुए।
पवित्र ग्रंथ कुंजम स्वरूप की प्रतिदिन 3000 से अधिक ब्रह्म वाणी का किया गया वाचन
निजानंद संप्रदाय के प्रमुख ग्रंथ कुंजम स्वरूप साहिब में पूर्णब्रहा अक्षरातीत अनंत श्री विभूषित महामति श्री प्राणनाथ जी के श्रीमुख से आविर्भूत ब्रहा्रवाणी का वाचन विश्व शांति के उद्देश्य को लेकर किया गया। 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक आयोजित धार्मिक साप्ताहिक पाठ पारायण के आयोजन में प्रतिदिन 3 हजार से अधिक चौपाइयों का वाचन ब्रह्म मुनियों द्वारा प्रतिदिन किया गया। जो सुबह 9 बजे से शुरू होता था और देर शाम तक चलता रहा। अंतिम समापन बेला में समाज के युवक, नन्हे-मुन्ने बच्चों, महिलाओं द्वारा गरबा नृत्य कर अपने श्रीजी को रिझाने की कोशिश की।
श्री प्राणनाथ मंदिर ट्रस्ट ने किया आभार व्यक्त
आयोजित 1200 साप्ताहिक परायण की पूर्ण रूपरेखा श्री 108 प्राणनाथ जी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश भाई पटेल, उपाध्यक्ष अमरेश शर्मा, सचिव अभय शर्मा न्यासी चंद्र कृष्ण त्रिपाठी, राकेश कुमार शर्मा, दिनेश शर्मा, प्रमोद कुमार शर्मा, रंजीत शर्मा, तिलक राज शर्मा, महाप्रबंधक देशभूषण शर्मा, उप प्रबंधक आशीष शर्मा के साथ-साथ ट्रस्ट बोर्ड से जुड़े हुए समस्त न्यासियों द्वारा इस साप्ताहिक पाठ पारायण महायज्ञ के सफल आयोजन पर सभी को बधाई दी। शनिवार सुबह 9 बजे साप्ताहिक पाठ पारायण महायज्ञ के समापन कार्यक्रम के दौरान प्रथम पूजा आरती की गई। इसके बाद तारतम ग्रंथ की द्वितीय पूजन आरती संपन्न हुई। इस अवसर पर 12०० ब्रह्म मुनियों के अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुंदर साथ उपस्थित रहे।