जिला परिषद, पंचायत समिति चुनाव, 6 जनवरी को थमेगा प्रचार, प्रशासन ने तैयारी

जिला परिषद, पंचायत समिति चुनाव, 6 जनवरी को थमेगा प्रचार, प्रशासन ने तैयारी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-02 10:02 GMT
जिला परिषद, पंचायत समिति चुनाव, 6 जनवरी को थमेगा प्रचार, प्रशासन ने तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनाव के लिए प्रचार शुरू हो गया है। 7 जनवरी को मतदान होगा। 6 जनवरी की शाम से प्रचार थम जाएगा। प्रचार के लिहाज से देखा जाए तो यह चुनाव केवल 5 दिन का ही रह गया है। खास बात है कि इन दिनों में ही सभी दलों को दम दिखाना है। गठबंधन को लेकर भी स्थिति एकदम साफ है। कुछ सीटों पर कांग्रेस व राकांपा के बीच गठबंधन हुआ है। शेष सीटों पर सभी दल चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का विषय बनाया है। पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा के चुनाव प्रमुख हैं। बावनकुले जिले की राजनीति पर गहरी पकड़ रखते हैं। लिहाजा उन्हें इस चुनाव में अपनी पकड़ कायम रखनी है।

कांग्रेस की ओर से जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ताकत लगाए हुए हैं। मुलक ने जिले में कांग्रेस को जिप व पंस के माध्यम से नई ऊर्जा देने का संकल्प लिया है। राकांपा के साथ गठबंधन के लिए वे ही सबसे अधिक प्रयास करते रहे हैं। मंत्री सुनील केदार सावनेर, रामटेक क्षेत्र के विविध सर्कलों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। राकांपा की ओर से मंत्री अनिल देशमुख उम्मीदवारों की जीत के लिए प्रयास कर रहे हैं। राकांपा ने सबसे अधिक काटोल व हिंगना क्षेत्र में उम्मीदवार उतारे हैं। शिवसेना उम्मीदवारों के समर्थन में लोकसभा सदस्य कृपाल तुमाने कमान संभाल रहे हैं। रामटेक व मौदा क्षेत्र में शिवसेना के उम्मीदवार सबसे अधिक प्रभाव का दावा कर रहे हैं। रामटेक के विधायक आशीष जैस्वाल के लिए शिवसेना उम्मीदवारों का जिताना प्रतिष्ठा का विषय बना है।

सभी दल अलग-अलग तैयार
इस चुनाव में सभी दलों ने अलग-अलग तैयारी की है। राकांपा व कांग्रेस के बीच गठबंधन के बाद भी तालमेल नहीं हो पाया है। दोनाें दल के नेताओं ने इस मामले में प्रयास भी किया। इस बीच राकांपा विधायक अनिल देशमुख व कांग्रेस विधायक सुनील केदार मंत्री बनाए गए। दोनों की मंुबई, दिल्ली में राजनीतिक व्यस्तता का प्रभाव स्थानीय स्तर पर चुनाव तैयारी पर पड़ा है। भाजपा में संगठन मामलों के प्रमुख पदाधिकारी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से ही कार्य में जुटे हैं। भाजपा में भी उम्मीदवारी नहीं मिलने को लेकर कहीं कहीं असंतोष है। लेकिन असंतोष खुलकर सामने नहीं आया है। जिप के लिए 270 व पंचायत समिति के लिए 497 उम्मीदवार मैदान में हैं। मंत्री अनिल देशमुख व सुनील केदार शपथ मंत्रिपद की शपथ लेने के दूसरे दिन से ही अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में जिप चुनाव में सक्रिय हो गए हैं। 
 


 

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