पोषण पखवाड़ा : जिले भर में 99 हजार से अधिक बच्चें का वजन व नापी गई लंबाई
शहडोल पोषण पखवाड़ा : जिले भर में 99 हजार से अधिक बच्चें का वजन व नापी गई लंबाई
डिजिटल डेस्क, शहडोल । तमाम प्रयासों के बाद भी जिले में कुपोषण की स्थिति कम होने का नाम नहीं ले रही है। सबसे दयनीय स्थिति ग्रामीण इलाकों की है। हाल ही में चलाए गए सघन पोषण पखवाड़ा अंतर्गत १५ दिनों में ही जिले में साढ़े पांच हजार से अधिक कुपोषित बच्चे चिन्हित किए गए हैं। इनमें ४५९६ मध्यम गंभीर कुपोषित (एमएएम) और ११३५ अति गंभीर कुपोषित (एसएएम) हैं। इतना ही नहीं जिलेभर में १९२२ बच्चे अति कम वजन वाले (अंडरवेट) और ३९४८ ठिगनेपन (कम ऊंचाई) के शिकार मिले हैं।
जिले में १५ फरवरी से २८ फरवरी तक सघन पोषण (वजन/ऊंचाई) पखवाड़ा चलाया गया। इसके तहत जन्म से छह वर्ष तक के बच्चों की ऊंचाई और वजन की नाप की गई, ताकि कुपोषित बच्चों की पहचान की जा सके। अभियान के तहत कुल ९९ हजार ९७९ बच्चों का वजन किया गया जबकि ९९ हजार ६०९ बच्चों की ऊंचाई नापी गई। इनमें से १० हजार ५३ बच्चे उम्र के हिसाब से कम वजन के और १९२२ बच्चे अति कम वजन वाले पाए गए। इसी तरह ३९४८ बच्चे कम ऊंचाई वाले मिले हैं। इसके अलावा ४५९६ कुपोषित बच्चे और ११३५ अतिकुपोषित बच्चे चिन्हित किए गए हैं। अति कुपोषित बच्चों को जरूरत के हिसाब से पोषण पुनर्वास केंद्रों (एनआरसी) में भर्ती कराया गया है। वहीं अन्य को आंगनबाड़ी
केंद्रों के माध्यम से पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में जन्म से छह वर्ष तक के बच्चे की संख्या १ लाख ३६ हजार ६८३ है। इनमें से करीब एक लाख बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों से कवर्ड हैं। जिले में कुल १५९९ आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।
कम वजन-ऊंचाई के बच्चे
परियोजना कम वजन ठिगने
ब्यौहारी २४५ २११
बुढ़ार ५७२ ११८२
जयसिंहनगर ३५४ २३०
गोहपारू २१७ २४४
शहडोल नवीन ४६ ५८५
सोहागपुर ४८८ १४९६
कुल १९२२ ३९४८
चिन्हित हुए मैम व सैम बच्चे
परियोजना मैम सैम
ब्यौहारी ७८२ १३०
बुढ़ार १२२६ ४५८
जयसिंहनगर ८१७ १६७
गोहपारू ४९८ ११३
शहडोल नवीन २३६ ४८
सोहागपुर १०३७ २१९
कुल ४५९६ ११३५
सबसे अधिक कुपोषण बुढ़ार ब्लॉक में मिला
अभियान के तहत १५ से २२ फरवरी तक आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों का वजन और ऊंचाई नापने का कार्य किया गया। इसके बाद २३ फरवरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर बच्चों की ऊंचाई और वजन की नाप की। सबसे अधिक कुपोषित बच्चे बुढ़ार और सोहागपुर परियोजना में चिन्हित किए गए हैं। बुढ़ार परियोजना में जहां १२२६ कुपोषित और ४५८ अतिकुपोषित बच्चे मिले हैं। वहीं सोहागपुर परियोजना में १०३७ कुपोषित और २१९ अतिकुपोषित बच्चे चिन्हित हुए हैं। इसी तरह बुढ़ार परियोजना में ५७२ बच्चे कम वजन और ११८२ कम ऊंचाई के मिले हैं, जबकि सोहागपुर परियोजना में ४८८ बच्चे कम वजन के और १४९६ बच्चे कम ऊंचाई वाले चिन्हित किए गए हैं।