जनता को नहीं मिल रहा पानी, डेडस्टॉक से इंडस्ट्रीज को जलापूर्ति कर रहा प्रशासन
जनता को नहीं मिल रहा पानी, डेडस्टॉक से इंडस्ट्रीज को जलापूर्ति कर रहा प्रशासन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जलसंकट की भीषण स्थिति को देखते हुए वेणा नदी समेत सभी प्रकल्पों के डेडस्टॉक का इस्तेमाल पेयजल आपूर्ति के लिए किया जा रहा है। प्रशासन ने औद्योगिक इकाइयों एवं अन्य ग्राहकों को वैकल्पिक व्यवस्था करने का आदेश भी दिया है, लेकिन प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए वेणा में डेडस्टॉक का पानी कलमेश्वर एमआईडीसी को दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, इस पानी को एमआईडीसी तक पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण से तकनीकी सलाह भी ली गई है। पिछले सप्ताह भर से फ्लोटिंग पंप लगाकर डेडस्टॉक के पानी को इंडस्ट्रीज को आपूर्ति के लिए उठाया जा रहा है। हैरानी यह है कि इस कारगुजारी के बारे में जिला प्रशासन के साथ ही सिंचाई विभाग तक को खबर नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कम बारिश और भीषण गर्मी से बाष्पीकरण के चलते जलसंकट गहरा गया है। बांधों और नदियों में जल स्तर कम होते देख प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर जलव्यवस्थापन कार्य शुरू किया गया है। जिला प्रशासन के निर्देश के बाद इस साल के आरंभ में सिंचाई विभाग ने वेणा, गोरेवाड़ा, पेंच प्रोजेक्ट में पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता देने की योजना भी बनाई है। इसके चलते कलमेश्वर, हिंगणा, वाड़ी एमआईडीसी समेत अन्य औद्योगिक इलाकों को वैकल्पिक जलापूर्ति व्यवस्था का निर्देश दिया गया। योजना के क्रियान्वयन के लिए हिंगणा एमआईडीसी काे अंबाझरी तालाब से जलापूर्ति शुरू की गई, जबकि कलमेश्वर एमआईडीसी को भी दिसंबर माह से जलापूर्ति में कटौती की गई है। इन तमाम प्रयासों की बदौलत पेयजल आपूर्ति को सुचारु बनाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि अब जल संकट बढ़ गया है और जलसंसाधनों के डेडस्टॉक को इस्तेमाल करने की नौबत आ चुकी है। इस स्थिति में जिला प्रशासन ने केवल पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। इसके चलते वेणा से कलमेश्वर एमआईडीसी को की जाने वाली जलापूर्ति में भी कटौती शुरू की गई। वेणा के लगातार घटते जलस्तर को देखते हुए जीवन प्राधिकरण द्वारा पंपों की संख्या को बढ़ाकर शहर के कई हिस्सों के साथ ही वाड़ी, दवलामेठी और डिफेन्स इलाके में जलापूर्ति की जा रही है। बावजूद इसके कलमेश्वर एमआईडीसी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। सिंचाई विभाग, जीवन प्राधिकरण और जिला प्रशासन की पर्याप्त निगरानी के अभाव में कलमेश्वर एमआईडीसी अब भी डेडस्टॉक का पानी बदस्तूर ले रही है।
रोजाना 18 घंटे हो रही लिफ्टिंग
पिछले साल कम बरसात के चलते केवल एक फीसदी ही जलसंग्रह वेणा बांध में हुआ था। सिंचाई विभाग ने जल आरक्षण व्यवस्था की बाध्यता के बावजूद कटौती को लेकर गंभीर प्रयास आरंभ किए हैं। इस संबंध में नवंबर माह में एमआईडीसी कलमेश्वर, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को लिखित निर्देश भी दिए गए। सिंचाई विभाग ने कलमेश्वर एमआईडीसी के लिए नवंबर 2018 में 0.0372 दस लाख घनमीटर, दिसंबर माह में 0.0797 दस लाख घनमीटर जलापूर्ति की थी।
जलसंकट से निपटने के लिए इस साल मार्च में 0.0489 दस लाख घनमीटर तक लाया गया है। इस कटौती को देखते हुए एमआईडीसी के सामने संकट की स्थिति बन गई थी। सिंचाई विभाग की पर्याप्त निगरानी के अभाव में पानी की लिफ्टिंग जारी रखी गई थी। मई माह में जलस्तर के बेहद कम होने से एमआईडीसी ने वैकल्पिक व्यवस्था करने की बजाय नए पंप को जीवन प्राधिकरण की पंपों से सामने डाल दिया। कुछ दिन पहले इस पंप की क्षमता में बढ़ोतरी कर डेडस्टॉक के पानी को रोजाना 18 घंटों तक लिया जा रहा है। इस पानी को सीधे आपूर्ति के साथ ही पंपिग स्टेशन के कुंए में भी संग्रहित किया जा रहा है।