यूपीएससी की परीक्षा में वर्धा की आरोही रहीं राज्य में अव्वल
गौरव यूपीएससी की परीक्षा में वर्धा की आरोही रहीं राज्य में अव्वल
डिजिटल डेस्क, वर्धा. जिले के वायगांव निपानी की मूल निवासी आरोही सुपारे ने यूपीएससी परीक्षा(इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस)में महाराष्ट्र राज्य में प्रथम और देश में 20 वां रैंक हासिल किया है। आरोही ने यूपीएससी 2022 की परीक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन विभाग में महाराष्ट्र से पहला रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। आरोही के पिता राजेंद्र सुपारे नागपुर की एक िनजी कंपनी में कार्यरत हैं। इस कारण आरोही ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा नागपुर के स्कूल ऑफ स्कॉलर्स और 12 वीं संताजी कॉलेज में पूरी की। इसके बाद आरोही ने पुणे विश्वविद्यालय के तहत सीआईपी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन शुरू करने के दौरान अंतिम वर्ष में कैंपस इंटरव्यू के जरिए उनका चयन विप्रो कंपनी में हुआ। लेकिन 6 महीने काम करने के बाद आरोही के मन में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने की इच्छा प्रबल होने लगी। हालांकि वह इतनी अच्छी कंपनी में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ने में हिचक रही थी। आखिरकार यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बारे में चल रहे विचारों ने आरोही को चैन की सांस लेने नहीं दिया। अंत में उसने माता-पिता को अपनी इच्छा बताकर नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया।
बेटी के फैसले में हमेशा उसके साथ रहे पिता राजेंद्र और मां सीमा ने उसके फैसले को मानकर उसे एहसास दिलाया कि उसके माता-पिता हमेशा उसके साथ हैं। इसके बाद आरोही ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और घर आने के बजाए सीधे दिल्ली कोचिंग के लिए चली गई। लेकिन अचानक देश में कोरोना बढ़ जाने से लॉकडाउन लग गया और जैसे-तैसे उसे घर वापस लौटना पड़ा। एक साल तक घर पर पढ़ाई करने के बाद लॉकडाउन में ढील दी गई तो वह वापस दिल्ली लौट गई। इसके आठ दिन के भीतर उसकी मां कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई। ऐसे में उसे दोबारा घर आना पड़ा। वह इस बात का भी पूरा ख्याल रखती थी कि, मां की सेवा करते हुए पढ़ाई की उपेक्षा न करे। लेकिन कहा जाता है कि प्रतियोगी परीक्षा में अनिश्चितता होती है, यहां पास होना तो शायद आसान होता है लेकिन सभी मेरिट लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना पाते। इस बीच उसने अन्य परीक्षाएं भी दीं। उनमें से उन्होंने भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय की परीक्षा उत्तीर्ण की और पुणे में वैज्ञानिक सहायक के रूप में उसकी नियुक्ति की गई। ऑफिस से निकलने के बाद उसने स्टडी हॉल में जाकर पढ़ाई करने पर जोर दिया। यूपीएससी के उम्मीदवारों के लिए सफलता का एक ही तरीका है और वह है बिना किसी लालच के केवल और केवल पढ़ाई करना। आरोही ने पढ़ाई और मेहनत का यह रास्ता चुना और आज उसकी मेहनत आईएएस बनने के साथ रंग लाई है। आरोही की इस सफलता में माता-पिता का प्रबल सहयोग, स्वजनों का सहयोग, कार्यालय के साथियों का प्रोत्साहन तथा शिक्षकों का मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।