वायरल फीवर, डायरिया का बढ़ा प्रकोप, अब तक 25 हजार मरीज पहुंचे अस्पताल

वायरल फीवर, डायरिया का बढ़ा प्रकोप, अब तक 25 हजार मरीज पहुंचे अस्पताल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-22 07:37 GMT
वायरल फीवर, डायरिया का बढ़ा प्रकोप, अब तक 25 हजार मरीज पहुंचे अस्पताल

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के साथ वायरल फीवर और डायरिया के मरीजों में इजाफा हो गया है। कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले अधिकांश लोग वायरल के वायरस की चपेट में आ रहे है। एक से बीस जुलाई के बीच मौसमी बीमारी समेत अन्य बीमारियों से जूझ रहे 24 हजार 890 मरीज जिला अस्पताल पहुंचे है। अस्पताल पहुंचे इन मरीजों में से 4 हजार 116 मरीजों की हालत खराब है। चिकित्सकों ने उन्हें भर्ती किया है। इन आंकड़ों में बच्चों की संख्या अधिक है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि इन दिनों मौसमी बुखार तेजी से फैल रहा है। तेज बुखार के साथ सर्दी-खांसी और गले के संक्रमण की समस्याएं बढ़ी है। वायरल फीवर के साथ उल्टी-दस्त के मरीजों में भी इजाफा हुआ है। दूषित खाद्य सामग्री और पानी की वजह से अधिकांश बच्चे संक्रमण का शिकार हो रहे है। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना पचास से अधिक बच्चों को परिजन उल्टी दस्त का इलाज कराने ला रहे है। इसी तरह अस्पताल का डीवीडी वार्ड डायरिया के मरीजों से पटा पड़ा है। यहां क्षमता से अधिक मरीज भर्ती होने से कई को फर्श पर लेटकर इलाज कराना पड़ रहा है। 

खुली खाद्य सामग्री से बचे

चिकित्सक लोगों को खुली खाद्य सामग्री के सेवन से परहेज करने की सलाह दे रहे है। बाजार या सड़कों के किनारे लगे ठेलों में रखी खुली खाद्य सामग्रियों पर मक्खियां बढ़ती है। कीचड़ या किसी गंदे स्थान पर बैठने के बाद यदि मक्खी खाद्य सामग्री पर बैठती है तो बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसलिए इन दिनों खुली खाद्य सामग्री बच्चों को न खाने दें।

पानी हमेशा उबालकर पिएं

बारिश के दिनों में अक्सर पानी की वजह से पेट के संक्रमण या डायरिया की समस्या होती है। दूषित पानी के सेवन से बीमार लोग अस्पताल पहुंच रहे है। डीवीडी और बच्चा वार्ड में डायरिया के मरीज भर्ती हो रहे है। डायरिया में निर्जलीकरण की वजह से गंभीर बच्चों या अन्य मरीजों को वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। बीते दिनों डायरिया की वजह से दमुआ की एक दस साल की बच्ची ने दम तोड़ दिया था। 

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