10 साल पहले नहर के रास्ते तालाब में आए मगरमच्छ से खेलते थे ग्रामीण
डीएफओ बोले-जल्द समाधान करेंगे 10 साल पहले नहर के रास्ते तालाब में आए मगरमच्छ से खेलते थे ग्रामीण
डिजिटल डेस्क,चंदला। सरवई क्षेत्र के महयाबा गांव में जिस मगरमच्छ से ग्रामीण दस सालों से खेलते आ रहे थे, एक प्रकार से उसका खयाल रखते आ रहे थे, अब उसी मगरमच्छ ने तालाब में पानी पीने गए एक बकरे को अपना भोजन बना लिया। इस घटना के बाद अब ग्रामीणों में मगरमच्छ की दहशत है। इसी तालाब के पास सरकारी हाई स्कूल, प्राइमरी व मिडिल स्कूल है, इसलिए चिंता ज्यादा है।
गौरतलब है कि मगरमच्छ की औसत आयु 70 वर्ष के आसपास होती है। फिलहाल इसकी आयु लगभग 12 वर्ष बताई जा रही है। आगे इसके अधिक खतरनाक होने की आशंका है। इसलिए ग्रामीण भयभीत महसूस कर रहे हैं।
10 वर्ष पहले नहर के पानी में बहकर आया था
ग्राम सरपंच बिन्दा आरख देव सिंह यादव, राजेन्द्र सिंह गहलोत और राजू पचौरी ने बताया कि बरियारपुर व कूटने डैम से गांव के तालाब तक आई नहर में बहकर उक्त मगरमच्छ बहुत ही छोटे आकार में करीब 10 वर्ष पूर्व आ गया था। ग्रामीणों ने इसकी देखरेख करते हुए दलेर तालाब में डाल दिया था। उक्त मगरमच्छ अब 5 फीट लंबा व मोटे आकार का हो गया है। अब इसके पास जाने में ग्रामीण डरने लगे हैं, और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी स्कूल प्रबंधन ने तालाब के आसपास जाने से मना किया है
बकरा का शिकार होने के बाद फैली गांव में दहशत
बीते रोज महयाबा निवासी लख्खू यादव का बकरे जब तालाब में पानी पीने गया, तब मगरमच्छ ने उसे अपना भोजन बना लिया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय व दहशत का माहौल है। ग्रामीण नारायण सिंह परमार, देवेंद्र सिंह परमार ने बताया कि महयाबा-अजीतपुर मार्ग में जहां तालाब है। उसी के पास हाईस्कूल, माध्यमिक व प्राथमिक शाला है। स्कूल के बच्चे तालाब के इर्द-गिर्द जाते रहते हैं। इसलिए बच्चों के साथ अनहोनी न हो जाए, ग्रामीण इसी बात को लेकर चिंतित है और उक्त तालाब से मगरमच्छ को पकड़कर ले जाने की मांग कर रहे हैं।
पहले ग्रामीणों के मनोरंजन का साधन था मगरमच्छ, अब डरने लगे
जब मगरमच्छ छोटा था, तब रोजाना ग्रामीण तालाब पहुंचकर उसको मछली डालकर पेट भरते थे और दुलार भी करते थे, लेकिन जब वह बड़ा हो गया और बकरे का शिकार किया। तभी से ग्रामीण डरने लगे हैं। इसे सुरक्षित स्थान में छोड़े जाने की मांग की है।
जल्द रेस्क्यू करेंगे
इस मगरमच्छ को लेकर हमारे पास भी शिकायत आई थी। संभवतया सीएम हैल्पलाइन भी लंबित है। हमनें केन घड़ियाल सेंक्चुरी की टीम को भी बोला था एवं माधव नेशनल पार्क शिवपुरी भी संपर्क किया था। स्थानीय स्तर पर इस प्रकार की समस्या से निपटने की ट्रेंड टीम नहीं है। लेकिन शीघ्र इस मगरमच्छ को तालाब से निकालकर रेस्क्यू करेंगे। ग्रामीणों की सुरक्षा हमारी वरीयता है।
-अनुराग कुमार,डीएफओ,छतरपुर