8 दिन तक नायलॉन मांजे में फंसा रहा अजगर, गांववालों ने बचाई जान

8 दिन तक नायलॉन मांजे में फंसा रहा अजगर, गांववालों ने बचाई जान

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-07 09:43 GMT
8 दिन तक नायलॉन मांजे में फंसा रहा अजगर, गांववालों ने बचाई जान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अकसर नायलॉन नायलॉन मांजे में पक्षियों की फंसने की खबरें आती रहती है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब एक अजगर नायलॉन मांजे में फंस गया। नागपुर के पास खापरखेड़ा में एक अजगर करीब 8 दिनों तक  मांजे में फंसा रहा। इस दौरान वह बुरी तरह से जख्मी और अस्वस्थ हो गया। जब गांववालों की इस पर नजर पड़ी तो उसे मांजे  से निकालकर उपचार केन्द्र में इलाज कर उसे देखरेख में रखा गया।

उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति के लिए अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं। ऐसे में आसमान में पतंगबाजी देखने मिल रही है। कुछ पतंग के शौकीन प्रतिबंधित नायनॉल मांजे को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह मांजा काफी खतरनाक होता है। इंसानों से लेकर पक्षियों तक किसे भी छूकर निकले तो जख्मी कर देता है। इसका मुख्य कारण यह मांजा टूटता नहीं है। बल्कि जितना ज्यादा प्रेशर पड़े यह और बारीक होते जाता है। ऐसे में कई बार पक्षियों के पर व इंसानों की गर्दन को तक बुरी तरह जख्मी कर देता है। संक्रांति के महीनों बाद भी यह मांजे पेड़ों की टहनियों पर पतंग के कारण अटके रहते हैं। जो सड़ते नहीं और न ही कमजोर होते हैं। ऐसे में इनमें कभी कोयल तो कभी कौआ या अन्य कोई पक्षी इनमें अटकते रहते हैं। जिन्हें कई बार पक्षी मित्र की मदद मिल जाती है। तो कई बार यह ऐसे ही मर जाते हैं। 

अभी तक जमीन पर रेंगनेवाले जीव, सांप या अजगर इनसे प्रभावित होते नहीं दिखे हैं। लेकिन मंगलवार को खापरखेड़ा गांव का एक मामला सामने आया है। जहां सर्पमित्र को प्रकाश नगर से फोन आया। बताया गया कि, नाली में एक अजगर लंबे समय से है, और वह जख्मी है। सर्पमित्र घटनास्थल पर पहुंचा। करीब 6 फीट इस अजगर को जब सावधानी बरतते हुए नाली से बाहर निकाला तो इसकी हालत देख हर कोई दंग रह गया। अजगर के बीच वाले हिस्से पर एक नायनॉल का मांजा इस कदर कसा हुआ था, कि उससे अजगर की ऊपरी चमड़ी काटकर मांजा फंसा था। मांजे की गांठ इस कदर पड़ी थी, कि जैसे-जैसे अजगर इससे निकालने के लिए रेंगता वैसे-वैसे यह मांजा उसे जख्मी कर रहा था। यदि कुछ दिन ऐसा ही चलता तो अजगर के दो टुकडे भी  हो सकते थे। लेकिन समय पर इसे बाहर निकाल सावधानी से मांजे को शरीर से अलग किया गया। इसके बाद जख्मी हिस्से पर उपचार कर अजगर को देखरेख में रखा गया। उपरोक्त घटना ने यह साबित कर दिया है, कि झाड़ियों में पड़ा बेकार मांजा भी किसी की जान ले सकता है। ऐसे मे इसका उपयोग हर हाल मेंं रोकना चाहिए। 

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