फ्री ट्रेनिंग देकर गर्ल्स को स्पोर्ट्स के लिए सपोर्ट कर रहीं वैशाली
फ्री ट्रेनिंग देकर गर्ल्स को स्पोर्ट्स के लिए सपोर्ट कर रहीं वैशाली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाजसेवा का जुनून कई बार समाज परिवर्तन का माध्यम बन जाता है। ऐसी ही दिशा में ही काम कर रहीं है शहर की इंटरनेशनल महिला एथलीट और छत्रपति अवार्ड से सम्मानित वैशाली चतारे। वे लड़के, लड़कियों को नि:शुल्क फिजिकल ट्रेनिंग देकर स्पोर्ट्स के लिए तैयार कर रही हैं। वैशाली का मानना है कि कुछ नौकरियां ऐसी होती हैं, जहां फिजिकल फिट होना नौकरी करने की पहली शर्त होती है। तो मैंने सोचा कि क्यों न गर्ल्स को स्पोर्ट्स का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे पुलिस, मिलिटरी, स्पोर्ट्स फील्ड, फायर फाइटर, लाइफ गार्ड आदि में जाने के लिए पूरी तरह से फिट हों।
वैशाली चतारे का मानना है कि गर्ल्स आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिलता है, जिससे वे पीछे रह जाती हैं। जिस तरह से आजकल दुष्कर्म, छेड़छाड़ आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे निपटने के लिए गर्ल्स को मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2012 से स्पोर्ट्स का नि:शुल्क प्रशिक्षण दे रही हैं। सुबह-शाम प्रशिक्षण लेने वालों की 2 घंटे फिजिकल एक्सरसाइज करवाती हैं। जिस तरह शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है उसी तरह गर्ल्स को फिजिकल फिटनेस का भी प्रशिक्षण दे रही हैं। लड़कियों को प्रॉपर गाइडेंस मिलने से नामुमकिन काम को भी वे मुमकिन कर सकती हैं।
गर्ल्स पर फोकस ज्यादा
वैशाली चतारे का कहना है कि स्पोर्ट्स पर्सन होने के कारण उनके पास गर्ल्स और बॉयज दोनो आते हैं। दोनो को वे ट्रेंड करती हैं, लेकिन गर्ल्स पर उनका ज्यादा फोकस रहता है। प्रैक्टिस के समय सभी गंभीरता से प्रैक्टिस करते हैं। गर्ल्स की ट्रेनिंग में रनिंग, जंपिंग, वेट उठाना आदि शामिल है। बॉयज की बॉडी गर्ल्स की अपेक्षा ज्यादा मजबूत होती है, इसलिए गर्ल्स को भी मजबूत बनाना पड़ता है। फिजिकल ट्रेनिंग के साथ ही उन्हें मेंटल ट्रेनिंग भी देना पड़ता है।
ट्रेनिंग से लड़कियों को मिल सकते हैं जाॅब
आजकल जॉब की काफी समस्या है। अगर जॉब नहीं मिलता है, तो स्पोर्ट्स गर्ल पर्सनल ट्रैनर, बॉडीगार्ड और बाउंसर का भी जॉब कर सकती हैं। इन जॉब्स के लिए फिजिकल फिटनेस होना जरूरी है। गर्ल्स को मिलिटरी, पुलिस आदि में भर्ती होना चाहिए, ताकि वे देशसेवा कर सकें। फिजिकल फिटनेस में हाथ, पैर तथा शरीर के सभी अंगों को मजबूत बनाने के लिए व्यायाम करवाया जाता है।
अपने डिफेंस के लिए भी उपयोगी
जिस तरह से लड़कियों के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं, उस अनुसार गर्ल्स सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी ले रही हैं। स्पोर्ट्स गर्ल्स की बॉडी इतनी मजबूत होती है कि उसे अन्य कोई ट्रेनिंग लेने की जरूरत नहीं होती है। अगर छेड़छाड़ से संबंधित कोई मामला स्पोर्ट्स गर्ल्स के साथ हो, तो उसके एक मुक्के से सामने वाला ढेर हो सकता है। स्पोर्ट्स में करियर बनाने की ओर गर्ल्स का रुझान बढ़ रहा है। इस तरह के जॉब में सबसे पहली शर्त होती है आपकी फिटनेस। इसके लिए जरूरी है एक परफेक्ट डाइट, जो आपको मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट बनाए रखती है।