बलिया पत्रकार हत्या: 6 गिरफ्तार, CM योगी ने परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता, प्रियंका-मायावती ने साधा निशाना

बलिया पत्रकार हत्या: 6 गिरफ्तार, CM योगी ने परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता, प्रियंका-मायावती ने साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-25 07:34 GMT
बलिया पत्रकार हत्या: 6 गिरफ्तार, CM योगी ने परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता, प्रियंका-मायावती ने साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में सोमवार देर शाम एक निजी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार के परिजन को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। वहीं यूपी में बढ़ती अपराध की घटनाओं को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।  

पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या
दरअसल सोमवार शाम को बलिया के फेफना थाना से करीब 500 मीटर दूरी पर कुछ बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। हालांकि रतन सिंह ने हमलावरों से बचने के लिए भागने की कोशिश की लेकिन उन्होंने रतन को दौड़ाकर गोली मार दी और फरार हो गए निकले। घटना की सूचना मिलते ही तुरंत एसपी देवेंन्द्र नाथ, एएसपी संजय कुमार, सीओ आदि के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था।

स्थानीय लोगों ने बताई ये कहानी
ग्रामीणों के अनुसार जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान के घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दी। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया, कुछ दिनों पहले रतन का उनके पट्टीदारों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। तब उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी थी।

ग्रामीणों ने किया विरोध, लगाया जाम
इस वारदात के बाद लोगों ने फेफना-रसड़ा मार्ग को जाम कर दिया। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। परिजनों ने फेफना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मौके पर पहुंचे एसपी ने एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड करने और जांच के बाद अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा देकर जाम खुलवाया।

बलिया पुलिस अधीक्षक के पीआरओ विवेक पांडेय ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि कई अन्य की तालाश जारी है। आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया, इस घटना में पत्रकारिता से संबंधित कोई बात शामिल नहीं है। यह पूरी तरह से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद का मामला है।

पत्रकार के पिता ने पुलिस पर लगाए आरोप
आईजी ने बताया था, जमीनी विवाद में एक पक्ष ने भूसा रखा था, दूसरे पक्ष ने उसी जमीन पर पुवाल रख दिया। इसी विवाद के बाद गोली चली और पत्रकार की मौत हो गई। रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस की इस थ्योरी को झूठा करार दिया है। विनोद सिंह ने दावा किया है कि, पुलिस झूठ बोल रही है। जिस जमीन का विवाद बताया जा रहा है, वहां न तो पुवाल है न ही भूसा रखा गया। विनोद सिंह का कहना है, यह आपसी रंजिश में हत्या नहीं हुई है। मामले की सही जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर कई आरोप भी लगाए हैं।

वहीं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक पत्रकार के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने पीड़ित परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

यूपी के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने पत्रकार रतन सिंह के परिजनों से मुलाकात की और इसके बाद जिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा, हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। मैं सीएम से अनुरोध करूंगा कि वे मुआवजा बढ़ाएं और पत्रकार की पत्नी को नौकरी दें।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, उत्तर प्रदेश में हर दिन अपराध दर बढ़ रही है। अब, स्थिति ये आ गई है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे साबित होता है राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी दयनीय है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर पिछले तीन महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या के मामलों का जिक्र करते हुए कहा, 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते FIR दर्ज की गई। यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है।

 

 

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