विश्वविद्यालय और विद्यार्थी ही हो सकते हैं परिवर्तन के विचार के वाहक- शाह
2014 से शुरू परिवर्तन के युग विश्वविद्यालय और विद्यार्थी ही हो सकते हैं परिवर्तन के विचार के वाहक- शाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिवर्तन के विचार, नीति और कल्पना का वाहक विश्वविद्यालय और विद्यार्थी ही हो सकते हैं। जब भी युग बदलता है तो उस परिवर्तन का वाहक हमेशा विश्वविद्यालय ही होते हैं। उन्होने कहा कि किसी भी संस्था के लिए 100 साल के बाद भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। आज देश में इतने सारे विश्वविद्यालयों के बीच भी दिल्ली विश्वविद्यालय ने ना केवल अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है, बल्कि अपने नेतृत्व के गुण को भी संजोकर रखा है।
अमित शाह ने ये उद्गार गुरूवार को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘स्वराज से नव-भारत तक भारत के विचारों का पुनरावलोकन’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि देश में 2014 से परिवर्तन का जो युग शुरू हुआ है, इसकी वाहक भी दिल्ली विश्वविद्यालय बने। उन्होने कहा कि 1975 में देश के लोकतंत्र को बचाने के आंदोलन में भी दिल्ली विश्वविद्यालय का बड़ा योगदान रहा। गृह मंत्री ने कहा कि स्वराज की व्याख्या में स्वदेशी, स्वभाषा, हमारी संस्कृति और देश का विचार सर्वोच्च हो, यह अपने आप आते हैं और स्वराज की संपूर्ण कल्पना ही न्यू इंडिया का विचार है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भारत को समस्याओं का देश कहते हैं, पर हम मानते हैं कि इस देश के पास लाखों समस्याओं के समाधान की शक्ति है। इस मौके पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह प्रमुखता से मौजूद थे।