चेस्ट में पानी भरने का हुआ इलाज, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने नहीं दिया क्लेम
पीड़ितों का आरोप: बीमितों के साथ किया जा रहा गोलमाल चेस्ट में पानी भरने का हुआ इलाज, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने नहीं दिया क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एक उम्मीद के साथ आम आदमी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेता है और प्रतिवर्ष उसके प्रीमियम का भी भुगतान करता है। यह सब कवायद भविष्य में असमय आने वाली परेशानी से बचने के लिए की जाती है। पॉलिसी लेकर अपने आप को पाॅलिसी धारक सुरक्षित समझता है पर ये भी जरूरत में काम नहीं आने पर अब बीमितों के बीच अक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। ऐसी ही अनेक शिकायतें आ रही हैं। बीमा कंपनी अस्पतालों में भी कैशलेस नहीं दे रही हैं। बीमितों को पॉलिसी लेने के बाद भी अस्पताल का बिल जेब से भरना पड़ रहा है और जब बीमित सारे बिलों के भुगतान के लिए बीमा कंपनी में क्लेम कर रहा है तो बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट करने में लगी हैं। बीमा कंपनी की सर्वे टीम अपने नंबर बढ़ानेे के लिए पॉलिसी धारकों के विश्वास को तोड़ने में लगी हैं। गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करके बीमा धारक को भटकाने में जुटी हैं। पीड़ितों का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदार जानबूझकर आम लोगों के साथ जालसाजी कर रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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सारे दस्तावेज देने के बाद भी किया जा रहा गुमराह
न्यू दिल्ली निवासी हरीश कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके परिवार का स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का स्वास्थ्य बीमा है। पॉलिसी क्रमांक पी/161111/01/2023/006071 का कैशलेस कार्ड भी बीमा कंपनी के द्वारा दिया गया था। वे तीन वर्ष से लगातार बीमा कराते आ रहे हैं और चौथे वर्ष का प्रीमियम भी बीमा कंपनी में जमा कर चुके हैं। भतीजे अमित कुमार को दर्द होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल में चैक कराने पर यह खुलासा हुआ कि चेस्ट में पानी भरा हुआ है। इलाज के दौरान बीमा कंपनी में सूचना दी गई। बीमा अधिकारियों ने यह कहा कि बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान कर दिया जाएगा।
पॉलिसी धारक ने अमित का पूरा इलाज अपने खर्च पर कराया और ठीक होने के बाद अस्पताल में बिल व दवाइयों के बिल सबमिट किए तो वहाँ से जवाब आया कि जल्द ही आपको पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। बिलों में अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं तो दोबारा अस्पताल से सत्यापित कराकर जमा कराए। बीमित ने सारे तथ्य जमा किए उसके बाद भी बीमा कंपनी ने अनेक प्रकार से गोलमाल जवाब देते हुए क्लेम देने से इनकार कर दिया। बीमित ने कई मेल किए पर जिम्मेदारों द्वारा जवाब नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि उनके साथ बीमा कंपनी के द्वारा जालसाजी की गई और वे न्याय पाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देने की तैयारी कर रहे हैं।