अब तक 20 फीसदी भी नहीं हो पाया रजिस्ट्रेशन, केन्द्रों में परेशान हो रहे अन्नदाता
धान खरीदी पंजीयन में सर्वर और रिकॉर्ड का अड़़ंगा अब तक 20 फीसदी भी नहीं हो पाया रजिस्ट्रेशन, केन्द्रों में परेशान हो रहे अन्नदाता
डिजिटल डेस्क,कटनी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन में कहीं सर्वर डाउन मुसीबत बन रहा है तो कहीं राजस्व अभिलेखों के सत्यापन में अडंगा के साथ राजस्व रिकार्ड में भिन्नता बताने के कारण पंजीयन के लिए एक सप्ताह से किसान परेशान है। अब तक महज 20 प्रतिशत किसानों का भी पंजीयन नहीं हो पाया है। खरीफ फसल के लिए पंजीयन 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक होना है जिसमें रविवार और शासकीय अवकाश हो को काट दिया जाए तो 15 दिन भी नही बचेंगे। इस बार किसानों के पंजीयन एमपी ऑनलाइन और एमपी किसान पोर्टल से भी नहीं हो पा रहे हैं।
तो धान बेचने से वंचित हो जाएंगे किसान
उबरा के शासकीय पंजीयन केंद्र में अपनी फसल का पंजीयन कराने आए किसान कृष्णकुमार पाठक, अचलेलाल साहूएमंजू साहू आदि आदि किसानों के राजस्व अभिलेखों में भिन्नता बताते हुए कम्प्यूटर सिस्टम ने पंजीयन करने से बाहर कर दिया। किसानों का कहना है कि सर्वर की समस्या यदि है तो उसके लिए तो पंजीयन केंद्र दूसरे दिन आकर भी पंजीयन कराया जा सकता है लेकिन राजस्व अभिलेखों में जब भिन्नता की बात आ जाती है उसको सुधरवा पाना टेढ़ी खीर है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो खेती को लाभ का धंधा बनाना तो दूर किसान अपनी
उपज बेचने से भी वंचित रह जाएगा। किसानों के अनुसार इस समय जब खरीफ की फसल काटने का समय नजदीक आ रहा है। इसके साथ ही रबी की खेती चालू हो जाती है उसी समय इस तरह की परेशानी से जूझना पड़ता है। सार्थक पहल करने की मांग किसानों ने की है।
बैरंग लौट रहे किसान
खरीदी केंद्रों में सुबह से शाम तक पंजीयन के लिए किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। एक किसान के पंजीयन के लिए कंप्यूटर सिस्टम आधा घंटा से अधिक का समय ले रहा है। इसके अलावा कहीं-कहीं दिन दिन भर सर्वर नहीं चलने से किसान खाली हाथ ही लौट जाते हैं। सुबह 11 बजे के बाद किसानों का एकाएक समूह निर्धारित शासकीय पंजीयन केंद्रों में पहुंचते हैं तो सर्वर की समस्या हो जाती है। तो कहीं राजस्व अभिलेखों में भिन्नता दर्शाते कम्प्यूटर रिकॉर्ड से बाहर कर देता है। उबरा पंजीयन केंद्र में लगभग 150 से 200 किसानों के पंजीयन एक सप्ताह में हो पाए हैं। इसके अलावा एक सप्ताह के भीतर अभी तक 50 से अधिक किसान उबरा पंजीयन सेंटर से वापस लौट चुके है।