बाघ ने किया चरवाहे का शिकार, भड़के ग्रामीण, बीटगार्ड सस्पेंड
सिवनी बाघ ने किया चरवाहे का शिकार, भड़के ग्रामीण, बीटगार्ड सस्पेंड
डिजिटल डेस्क, सिवनी ।मवेशियों को जंगल लेकर गए चरवाहे को बाघ ने अपना निवाला बना डाला। मामला वन विकास निगम के सिवनी रेंज के रजोला बीट के छीतापार गांव का है। चरवाहे का शव बुधवार की सुबह टुकड़ों में मिला। इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश फूट गया। बड़ी संख्या में एकत्रित लोगों ने हंगामा किया। मौके पर पहुंचे वन अमले और पुलिस ने समझाइश दी लेकिन वे नहीं माने। बाद में बीटगार्ड चैनसिंह उईके के निलंबन पर लोग किसी तरह शांत हुए। वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को २० हजार की तात्कालिक सहायता राशि दी, जबकि ३.८० लाख रुपए का मुआवजा प्रकरण तैयार किया।
ये है घटना
छीतापार निवासी ५० वर्षीय रघुनाथ पिता पूसू उईके मंगलवार को मवेशियों को लेकर जंगल गया था। शाम को सभी मवेशी वापस गांव आ गए, लेकिन रघुनाथ नहीं आया। तब ग्रामीणों ने उसकी तलाश की। देर रात तक लोग ढूंढते रहे, लेकिन उसका पता नहीं चला। बुधवार की सुबह फिर उसे तलाशने के लिए लोग जंगल गए, जहां कंपार्टमेंट नंबर ४५७ में झाडिय़ों के पास रघुनाथ का शव टुकड़ों में मिला। घटना की जानकारी लोगों ने पुलिस और वन अमले को दी।
नहीं उठाने दी लाश
घटना से गुस्साए लोगों ने घंटों पुलिस को शव उठाने नहीं दिया। वे इस बात पर अड़े रहे कि पहले क्षेत्र के स्टाफ को निलंबित करो। यहां तक उनका कहना था कि इतनी बड़ी घटना की जानकारी के बाद भी वन विकास निगम का अमला समय पर नहीं आया। लोगों के आक्रोश को देखते हुए आसपास से पुलिस बल के अलावा अन्य रेंज से वन अमला मौके पर पहुंचा। यहां तक की स्थानीय नेता भी लोगों को समझाने पहुंच गए थे। लोगों के शांत होने के बाद पंचनामा की कार्रवाई के बाद पीएम कराया गया।
लोगों में दहशत
बाघ के मूवमेंट की जानकारी लगातार मिल रही थी। इस हादसे से लोगों में दहशत का माहौल है। उनका कहना है कि बाघ फिर से किसी पर भी हमला कर सकता है। ऐसे में बाघ को पकड़ा जाए। उनका कहना था कि वन अमला भी गश्त नहीं करता है।
इनका कहना है
प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि बाघ के हमले से चरवाहे की मौत हुई है। मौके पर परिजनों को २० हजार की सहायता राशि दी गई शेष ३.८० लाख रुपए का मुआवजा प्रकरण तैयार किया गया है। मृतक के बेटे को सुरक्षा गार्ड के रूप में रखने पर विचार किया जा रहा है।