हाईकोर्ट से पपौरा जैन तीर्थ के ट्रस्टियों को नहीं मिली अंतरिम राहत
हाईकोर्ट से पपौरा जैन तीर्थ के ट्रस्टियों को नहीं मिली अंतरिम राहत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने टीकमगढ़ के पपौरा जैन तीर्थ के ट्रस्टियों को अंतरिम राहत दिए जाने की माँग को खारिज कर दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने लम्बी बहस के बाद अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा पारित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर के आदेश पर जब तक राज्य शासन का जवाब नहीं आ जाता है, उस पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ट्रस्टी चाहे तो आपराधिक कार्रवाई के संबंध में उपयुक्त न्यायालय में जा सकते हैं।
यह है मामला-
सकल दिगम्बर जैन महिला मंडल ने पिछले साल शिकायत दर्ज कराई थी कि टीकमगढ़ के पपौरा जैन तीर्थ के ट्रस्टियों ने बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता और गड़बड़ी की गई है। जिस पर कार्रवाई करते हुए हाल ही में डिप्टी कलेक्टर ने सार्वजनिक न्यास को भंग कर उस पर प्रशासक नियुक्त करने की अनुशंसा की है। इसके साथ ही सभी ट्रस्टियों के खिलाफ आर्थिक अनियमितता और अन्य गड़बड़ी के लिए आपराधिक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इस आदेश पर रोक लगाने के लिए ट्रस्टियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
अंतरिम राहत दिए जाने का विरोध-
सकल दिगम्बर जैन महिला मंडल की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने ट्रस्टियों को अंतरिम राहत दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ट्रस्टियों पर आर्थिक अनियमितता और अन्य प्रकार की गड़बडिय़ों का आरोप है। इस मामले में याचिका पोषणीय नहीं है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने ट्रस्टियों को अंतरिम राहत दिए जाने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अक्षय पवार ने पक्ष प्रस्तुत किया।