ब्रेन के उपचार को भी आदित्य बिरला इंश्योरेंस कंपनी ने बता दिया पुरानी बीमारी
बीमित का आरोप: प्रीमियम लेने के बाद भी नहीं दी जा रही मदद ब्रेन के उपचार को भी आदित्य बिरला इंश्योरेंस कंपनी ने बता दिया पुरानी बीमारी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमारी कोई भी हो नियमानुसार क्लेम देने का दावा बीमा कंपनियाँ करती हैं पर जब जरूरत पड़ती है तो सारे दावों की पोल खुलकर सामने आ जाती है। बीमा कंपनियाँ अपने लिंक अस्पताल में भी कैशलेस नहीं कर रही हैं और जब पॉलिसी धारक बीमा कंपनी में सारे दस्तावेजों के साथ बिल सबमिट करते हैं तो उन्हें सर्वेयर टीम के साथ क्लेम डिपार्टमेंट के अधिकारी इस तरह पॉलिसी धारक पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए झूठा साबित करने में जुट जाते हैं। अनेक क्वेरी के साथ लंबे समय तक चक्कर लगवाना व मेल का जवाब नहीं देना जैसे अनेक प्रकार से परेशान करने का सिलसिला बीमा कंपनी के द्वारा किया जाने लगता है और फिर अचानक बीमा कंपनी सारे दस्तावेजों को गलत बताकर या फिर पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम करने का लेटर ग्राहकों के घरों में भेज देती है। पॉलिसी धारक अब बीमा अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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सड़क हादसे में सिर में जम गए थे खून के थक्के
सतना जीवन ज्योति कॉलोनी में रहने वाले विक्रम चौधरी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस से पॉलिसी ली है। बीमा कंपनी के द्वारा उन्हें कैशलेस कार्ड भी दिया गया था। वे सड़क हादसे में घायल हो गए थे और उनके सिर में खून के थक्के जम गए थे। खून के थक्के जम जाने के कारण इलाज के लिए सतना व जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल में कैशलेस कार्ड दिया गया तो बीमा अधिकारियों ने पॉलिसी क्रमांक जीएचआई-एचडी-20-2029497 में कैशलेस करने से इनकार कर दिया। बीमित को पूरा इलाज अपने खर्च पर कराना पड़ा। ठीक होने के बाद जब बीमा कंपनी में सारे बिल व चिकित्सकों की रिपोर्ट सबमिट की गई तो उसमें अनेक प्रकार की खामियाँ निकाली गईं और यह भी कहा गया कि आपको शुगर व बीपी की शिकायत थी जो आपने हमसे छुपाई है। अनेक कारण बताकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया। बीमित ने कई बार बीमा कंपनी से संपर्क किया पर जिम्मेदारों के द्वारा सही जवाब नहीं दिया जा रहा है। पॉलिसी धारक ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की माँग की है।