रास्ते में रोककर नाबालिग से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
जिंदा रहने तक जेल में रहेगा दुष्कर्म का आरोपी रास्ते में रोककर नाबालिग से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
डिजिटल डेस्क,शहडोल। नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी शेष प्राकृतिक जीवन तक जेल में ही रहेगा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम) द्वारा थाना कोतवाली के अपराध में आरोपी विवेक कुमार मेहतर निवासी वार्ड नंबर 15 घरौला मोहल्ला को धारा 376 (ए) (बी) भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक) एवं 500-500 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
शासन की ओर से प्रकरण में विश्वजीत पटेल डीपीओ एवं सुषमा सिंह ठाकुर एडीपीओ द्वारा पैरवी की गई। संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा के अनुसार 20 अक्टूबर 2020 की शाम 4 बजे फरियादिया अपनी मौसी की लडकी और भाई के साथ तालाब तरफ धूमने जा रही थी। रास्ते में आरोपी विवेक मिला और छेडख़ानी करते हुए मुंह दबाकर घसीट कर किनारे ले गया और उसके साथ गलत काम करने लगा। तभी फरियादिया के मामा वहां आ गए। रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
इधर एक और दुष्कर्मी को आजीवन कारावास-
वर्ष 2019 में चिन्हित प्रकरण में 27 जून को न्यायालय द्वारा दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 26 जनवरी 2019 को पीडि़ता 12 वर्षीय बालिका निवासी थाना क्षेत्र गोहपारू घर में थी। उसी समय आरोपी राधेश्याम यादव 26 वर्ष निवासी ग्राम बारूतारा उसे ससुराल घर में ले जाकर बलात्कार किया। किसी का बताने पर मां बाप को जान से खतम कर देने की धमकी दिया। बाद में 2-3 बार अकेली पाकर अलग-अलग तारीख को दुष्कर्म किया। जिससे फरियादिया गर्भवती हो गई। रिपोर्ट पर 10 अगस्त 2019 को थाना गोहपारू में अपराध पंजीबद्ध किया गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर विवेचना बाद चालान प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत द्वितीय अपर सत्र न्यायालय द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी राधेश्याम यादव को धारा 376 एबी भादवि में शेष प्राकृतिक जीवन तक आजीवन कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड, धारा 3 (2) 5 एससी एसटी एक्ट में आजीवन कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड, धारा 5 (एम)/6 पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 500 रुपये के अर्थदण्ड एवं 5 (जे) (2) पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।