पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश’ योजना के अंतर्गत खजुराहो में बने मंदिरों की वास्तुशिल्पीय भव्यता पर एक वेबिनार का आयोजन किया!

पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश’ योजना के अंतर्गत खजुराहो में बने मंदिरों की वास्तुशिल्पीय भव्यता पर एक वेबिनार का आयोजन किया!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-20 08:49 GMT

डिजिटल डेस्क | पर्यटन मंत्रालय पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश’ योजना के अंतर्गत खजुराहो में बने मंदिरों की वास्तुशिल्पीय भव्यता पर एक वेबिनार का आयोजन किया| पर्यटन मंत्रालय ने "देखो अपना देश" श्रृंखला के अंतर्गत 85वें वेबिनार का 17 अप्रैल, 2021 को आयोजन किया। इस आयोजन का शीर्षक था "खजुराहो में बने मंदिरों की वास्तुशिल्पीय भव्यता"। भारत एक ऐसी धरती है जिसकी शानदार राजशाही परंपरा रही है, जिस पर पराक्रमी शासकों ने शासन किया, जिसने भारतीय सभ्यता को पोषित किया और जिसका इतिहास समृद्धिशाली है। भारतीय विरासत की भव्यता इसके वास्तुशिल्प, कला, हस्तशिल्प और संस्कृति में साफ-साफ परिलक्षित होती है।

क़िले, प्राचीन मंदिर, स्मारक, महान स्थल, इत्यादि भारत के प्राचीन इतिहास के गौरवपूर्ण प्रमाण हैं। युनेस्को ने कई भारतीय स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया और उन विरासत स्थलों में खजुराहो के भी कई मंदिर शामिल हैं, यह भी भारत में निर्मित प्राचीन धरोहरों के गौरव का साक्ष्य है। "देखो अपना देश" वेबिनार शृंखला, "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" अभियान के अंतर्गत भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का प्रयास है। इस वेबिनार में लोकल गाइड श्री अनुराग शुक्ल ने प्रस्तुति दी, जो खजुराहो के मंदिरों की कला, वास्तुशिल्प और अंक चित्रण के एक विशेषज्ञ हैं। श्री शुक्ल खजुराहो के एकमात्र ऐसे टूरिस्ट गाइड हैं जो खजुराहो के मंदिरों में लिखित शिलालेखों को पढ़ सकते हैं।

खजुराहो में मौजूद मंदिरों का निर्माण काल 950 से 1050 ईसा पूर्व रहा। इन मंदिरों का निर्माण चंदेल राजवंश द्वारा कराया गया। मंदिरों को तीन समूहों में श्रेणीबद्ध किया गया है जिसमें पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी श्रेणियां शामिल हैं। इन मंदिरों के वास्तुशिल्प में जिस कुशलता का दर्शन होता है वह अत्यधिक गूढ और विस्मयकारी है और यही कला खजुराहो को न सिर्फ घरेलू पर्यटकों के बीच बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटक के बीच खजुराहो को भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में शुमार कराती हैं। खजुराहो में मौजूद मंदिरों में कुछ मंदिरों के नाम इस प्रकार हैं: कंदारिया महादेव मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, ब्रह्मा मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, देवी जगदंबा मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, मातंगेश्वर मंदिर और पार्श्वनाथ मंदिर। इस वेबिनार के दौरान खजुराहो के मंदिरों की वास्तुशिल्प पर भी चर्चा की गई।

खजुराहो आने वाले पर्यटकों के लिए यहां मौजूद भव्य मंदिरों को देखने के बाद खजुराहो में तथा आसपास के क्षेत्रों में बहुत कुछ ऐसा है जो दर्शनीय है, इसमें राजकीय जनजाति संग्रहालय और लोक कला केंद्र, मंदिरों के पश्चिमी समूह के पास शाम के समय साउंड एंड लाइट शो, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षण स्थल और रानेह झरना इत्यादि शामिल हैं। पर्यटन मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र की योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में 19 स्थलों को चिन्हित किया गया है जिन्हें देश के प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा और खजुराहो उनमें से एक है। मार्च 2021 में पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खजुराहो में महाराजा छत्रसाल सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया था।

इस केंद्र को पर्यटन मंत्रालय की "स्वदेश दर्शन योजना" के अंतर्गत विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य व्यवसायिक पर्यटकों को व्यवसायिक आवश्यकताओं के लिए सम्मेलन आयोजित करने का एक केंद्र उपलब्ध कराना था। मध्य प्रदेश सरकार के प्रधान संस्कृति सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि किस तरह से खजुराहो पहुंचने के लिए रेल, सड़क और हवाई मार्गों को और बेहतर किया गया है तथा पर्यटकों के लिए सभी उपलब्ध मार्गों को सुलभ बनाया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार, खजुराहो को पारिवारिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर रही है जिसमें इको टूरिज्म, विरासत दर्शन और ग्रामीण प्रवास का वातावरण इत्यादि उपलब्ध कराया जा रहा है। हॉट एयर बैलून, बफर में सफर और वन्यजीव अभयारण्य तथा मध्य प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यानों में नाइट सफारी इत्यादि शुरू करने के बाद राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि एयर इंडिया जल्द ही सप्ताह में दो बार दिल्ली से वाराणसी होते हुए खजुराहो के लिए उड़ान सेवा शुरू करने जा रही है। यह शुरुआत 1 मई, 2021 से प्रस्तावित है।

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