शिशु मृत्युदर को रोकने जन्म के "फर्स्ट गोल्डन मिनट' महत्वपूर्ण
नियोनेटॉलाजी विभाग में हुई कार्यशाला शिशु मृत्युदर को रोकने जन्म के "फर्स्ट गोल्डन मिनट' महत्वपूर्ण
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नियोनेटॉलाजी विभाग में रविवार को बेसिक नियोनेटल रिससिटैशन प्रोग्राम (एनआरपी) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। अस्पताल में विभाग के 1 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने नवजात बच्चे के जन्म के "फर्स्ट गोल्डन मिनट' का महत्व बताया।
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सहयोग से आयोजित हुई इस वर्कशॉप में जबलपुर समेत कटनी, नरसिंपुर समेत अन्य जिलों से करीब 40 चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया गया। वर्कशॉप का शुभारंभ अधिष्ठाता डॉ. गीता गुइन, डायरेक्टर डॉ. वायआर यादव, अधीक्षक डॉ.जितेंद्र गुप्ता के मार्गदर्शन में हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि मप्र में शिशु मृत्यु दर देश में सबसे ज्यादा है, जिसका एक महत्वपूर्ण कारण जन्म के समय बच्चे में ऑक्सीजन की कमी का होना है। कोऑर्डिनेटर डॉ.जया उपाध्याय ने बताया कि वर्कशॉप 4 सत्रों में हुई, जिसमें पहले सत्र में जन्म की तैयारी, दूसरे में नियमित देखभाल, तीसरे में ब्रीफ वेंटिलेशन और चाैथे में हृदय गति के साथ वेंटिलेशन पर जानकारी दी गई। कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डॉ.मोनिका लाजरस, डॉ.ललित मोहन मालवीय, डॉ.रश्मि परिहार, डॉ.अखिलेंद्र परिहार, डॉ.प्रतिभा बामने एवं डॉ.नैन्सी साहू ने प्रशिक्षण प्रदान किया। आईएपी प्रेसिडेंट डॉ.नीता पोल एवं स्टेट एकेडमिक कोऑर्डिनेटर डॉ.अनंत केटकर का मार्गदर्शन रहा।