सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों को रास नहीं आ रही पेड ओपीडी व्यवस्था।
विभाग के डॉक्टर्स सिर्फ तीन दिन ही दे रहे सेवाएं सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों को रास नहीं आ रही पेड ओपीडी व्यवस्था।
डिजिटल डेस्क, रीवा। सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में शाम के समय पेड ओपीडी की व्यवस्था लागू तो कर दी गई, लेकिन ऐसा लगता है कि यहां पदस्थ कई चिकित्सकों को यह रास नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा मरीजों के जीवन बचाने का दावा करने वाले कॉडियोलॉजी विभाग की बात करें, तो सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही पेड ओपीडी में चिकित्सक बैठने को तैयार हुए हैं। तीन दिन इस विभाग में एक भी डॉक्टर शाम को सेवाएं नहीं दे रहे हैं।
कॉर्डियोलॉजी में पदस्थ हैं 6 डॉक्टर्स-
कॉर्डियोलॉजी विभाग में छह डॉक्टर्स सेवाएं दे रहे हैं। इस तरह सोमवार से शनिवार तक एक-एक डॉक्टर शाम को पेड ओपीडी में बैठ सकते हैं। लेकिन विभाग की ओर से सिर्फ तीन डॉक्टर्स के ही बैठने की व्यवस्था की गई है, जो सप्ताह के तीन दिन सेवाएं दे रहे हैं। जिसमें सोमवार को डॉ.एलपी सिंह, मंगलवार को डॉ.व्हीडी त्रिपाठी और शनिवार को डॉ.एसके त्रिपाठी के नाम हैं। बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार को इस विभाग की पेड ओपीडी के लिए कोई डॉक्टर्स नहीं लगाए गए हैं।
नेफ्रोलॉजी की ओपीडी सिर्फ दो दिन-
नेफ्रोलॉजी की पेड ओपीडी के लिए सिर्फ दो दिन का समय तय हो पाया है। इस विभाग में सिर्फ एक ही चिकित्सक डॉ.रोहन द्विवेदी फिलहाल पदस्थ है। बुधवार और गुरूवार को पेड ओपीडी के लिए इनके दिन तय हैं। अन्य दिन इस विभाग से संबंधित मरीजों के लिए कोई नहीं है।
यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी के पूरे सप्ताह-
यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों की पेड ओपीडी के लिए जो ड्यूटी लगी है, वह सोमवार से लेकर शनिवार तक प्रतिदिन नियत है। इन दोनों ही विभागों में चार-चार चिकित्सक पदस्थ है। यूरोलॉजी में चार दिन एक-एक चिकित्सकों के लिए तय किए गए हैं, वहीं दो दिन इन्हीं चार चिकित्सकों में अलग-अलग दिन तय कर दिए गए है। इसी तरह न्यूरोलॉजी में चार डॉक्टर्स हैं। इस विभाग में भी सभी चिकित्सकों ने आपस में तालमेल बनाकर सोमवार से शनिवार तक प्रत्येक दिन एक-एक चिकित्सक की ड्यूटी तय की है।
प्राइवेट प्रेक्टिस की नहीं हैं अनुमति-
सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों को प्राइवेट प्रेक्टिस की अनुमति नहीं है। इनकी सेवा शर्तो में यह शामिल है, कि ये चिकित्सक प्रतिदिन हॉस्पिटल में पेड ओपीडी में बैठ सकते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है, कि कई डॉक्टर्स प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं। इसलिए उनका पेड ओपीडी में लगाव नहीं दिख रहा।
बीते माह हुई इसकी शुरूआत-
इस हॉस्पिटल में पदस्थ कई चिकित्सकों का यहां नौकरी से मोह भंग हो रहा था। इसके पीछे यह कहा जा रहा था, कि पेड ओपीडी यहां चालू नहीं की गई है। जिस पर पूर्व मंत्री एवं विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने प्रयास कर पेड ओपीडी की व्यवस्था शुरू कराई। यह व्यवस्था 29 मार्च 2022 को यहां शुरू हुई।
बाहर हो रही ज्यादा कमाई-
प्राइवेट प्रेक्टिस की अनुमति भले ही न हो, लेकिन कई चिकित्सक प्रतिदिन बाहर बड़ी संख्या में मरीज देख रहे हैं। विभिन्न प्रकार की जांचे कर रहे हैं। इससे ज्यादा कमाई हो रही है। शायद इन चिकित्सकों को लगता है, कि सरकारी अस्पताल में पेड ओपीडी में ज्यादा फायदा नहीं होगा। संभवत: इसीलिए इसे औपचारिक माना जा रहा है।
शासन के नियम के अनुसार शाम के समय पेड ओपीडी की शुरूआत की गई है। यह नई व्यवस्था है। इसका ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के चिकित्सकों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगी है।