‘जीवन में सबसे अनमोल रत्न है मधुर वाणी , जीवन सत्संग में व्यतीत करना उत्तम ’ -देवकीनंदन ठाकुर

‘जीवन में सबसे अनमोल रत्न है मधुर वाणी , जीवन सत्संग में व्यतीत करना उत्तम ’ -देवकीनंदन ठाकुर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-03 05:39 GMT
‘जीवन में सबसे अनमोल रत्न है मधुर वाणी , जीवन सत्संग में व्यतीत करना उत्तम ’ -देवकीनंदन ठाकुर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जीवन में सबसे अनमोल रत्न है मधुर वाणी। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए। यह उद्गार देवकीनंदन ठाकुर ने विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से  डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति, महर्षि व्यास सभागृह, रेशमबाग मैदान के पीछे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में व्यक्त किए। ठाकुरजी ने कहा कि संसार में भगवान कृष्ण ही सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करते हैं। भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ बर्बाद नहीं करना चाहिए।  

पहले दिन निकाली गई मंगल कलश शोभायात्रा
कथा के पूर्व संत गुलाब बाबा आश्रम, सिरसपेठ से श्रीमद् भागवत की मंगल कलश शोभायात्रा कथा स्थल तक निकाली गई। इसमें 108 कलश धारण कर महिलाएं शामिल हुईं। शोभायात्रा में कथा के मुख्य यजमान गोविंद छैलूराम बंसल परिवार और वामन श्रीराम हारोडे परिवार सिर पर श्रीमद् भागवत पोथी धारण कर चल रहे थे। मार्ग में पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। कथा स्थली पर देवकीनंदन ठाकुर, यजमान परिवार व आयोजन मंडल की अध्यक्ष शकुंतला अग्रवाल, सचिव मृणाल इलमकर व निर्मला गोयनका, कोषाध्यक्ष रत्ना जेजानी, महिला संयोजिका प्रमुख सुमेधा चौधरी ने दीप प्रज्वलन किया। शुक्रवार को 3 जनवरी को कपिल देवहुति संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र की कथा होगी। इसके मुख्य यजमान अशोक गोयल, रामानंद अग्रवाल, विष्णु पचेरीवाला हैं। बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

भारत माता के लिए सोचें
पं. ठाकुर ने भागवत के प्रथम श्लोक ‘सच्चिदानन्दरूपाविश्वोत्पत्त्यादिहेतवे। तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमरू’ के उच्चारण के साथ कहा कि हम सभी सनातनियों को एकत्रित होने की जरूरत है। अपने व्यक्तिगत मत भुलाकर, जातिपंथ सबकुछ भूलकर सिर्फ हमें अपनी भारत माता के लिए सोचना चाहिए। हमें सत्य सनातन धर्म के लिए सोचना चाहिए। साथ ही धर्म को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए।

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