बैगा आदिवासी दो सगी बहिनों की संदिग्ध मौत , अस्पताल में चंदा करके हो सका कफन दफन 

बैगा आदिवासी दो सगी बहिनों की संदिग्ध मौत , अस्पताल में चंदा करके हो सका कफन दफन 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-06 09:39 GMT
बैगा आदिवासी दो सगी बहिनों की संदिग्ध मौत , अस्पताल में चंदा करके हो सका कफन दफन 

डिजिटल डेस्क, मंडला। मवई विकासखंड के ग्राम अमवार में अखाद्य भोजन खा लेने से बैगा आदिवासी दो सगी मासूम बहनों की मौत हो गई। 6 वर्षीय छोटी बच्ची ने घर में दम तोड़ दिया जबकि उसकी बड़ी बहन की जिला अस्पताल में मोत हुई है। घटना का दुखद और आश्चर्यजनक बात यह है कि बैगाओं के लिए बड़ी बड़ी योजना चलाए जाने का ढिंढोरा पीटने वाल प्रसाशन की नाक के नीचे मंडला जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों ने चंदा करके इस मासूम के कफन दफन की व्यवस्था की। चिकित्सकों का कहना है कि कोई न खाने योग्य सामग्री का सेवन करने से घटना हुई है। बड़ी बहन का जिला अस्पताल में पीएम किया गया है। बिसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है। 

जानकारी के मुताबिक ग्राम अमवार में दो सगी बहनों की मौत हुई है। मृतिका बच्चियों की नानी समरो बाई ने बताया  कि पिछली शाम चंद्रवती पिता हिरदे बैगा 6 वर्ष और श्यामा पिता हिरदे बैगा 10 से चावल खाये थे । इसके बाद दोनों सो गईं थीं । रात में अचानक दोनों की तबियत बिगड़ गई। चंद्रवती ने पानी मांगा और पानी पीने के बाद दम तोड़ दिया। श्यामा ने बताया  कि उसके हाथ पैर मे असहनीय तकलीफ है। जिसके बाद परिजन उपचार के लिए मवई अस्पताल लेकर आये। यहां चिकित्सक ने हालात को देखते हुये मंडला रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में जांच के बाद इलाज शुरू किया गया लेकिन श्यामा की हालात ज्यादा बिगड़ गई, जिससे उसने भी दम तोड़ दिया।

लकड़ी बीनकर नानी, मां ने पाला
समरो बाई ने बताया कि मृतिकाओं के पिता की की मानसिक स्थिति ठीक नही है। जिसके कारण मां के साथ दोनों मासूम अपनी नानी के घर में रहते थे, लकड़ी बीनकर बेचने के बाद जो कुछ मिलता था, उसी से परिवार का भरण पोषण हो रहा था, चंद्रवती की मौत गांव में ही हो गई थी। दोनो मासूस की मौत के बाद अमवार में मातम पसरा है। यहां नानी और दादी के आंसू नही रूक रहे हैं। 
 

चंदा कर दिये पांच हजार
चंद्रवती की मोत गांव में होने के कारण मां वही गांव में रूक गई। दादी और नानी श्यामा को मंडला लेकर आई थी, यहां कोई दूसरा सहारा नही था, आर्थिक हालात भी खराब थे, इसको देखते हुये सीएम डॉ विजय धुर्वे ने चिकित्सकों से की मदद की गुजारिश की। पीडि़त परिवार को देने के लिए चंदा कराया गया। जिसमें चिकित्सकों ने सहयोग किया और स्टाफ ने भी मदद की, 10 मिनट में 5 हजार रूपये एकत्र हो गये। पीडि़त परिवार को कफन-दफन के लिए शव वाहन से गांव भेजा गया। उन्हे चंदा की राशि भी दी गई।
 

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