ऑपरेशन के दौरान अब सीटीटी के लिए मना नहीं कर पाएंगे सर्जन 

ऑपरेशन के दौरान अब सीटीटी के लिए मना नहीं कर पाएंगे सर्जन 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-29 11:44 GMT
ऑपरेशन के दौरान अब सीटीटी के लिए मना नहीं कर पाएंगे सर्जन 

सीएमएचओ ने आदेश किया जारी, सीजर के साथ सीटीटी के लिए परिजनों से भराना होगा फॉर्म
डिजिटल डेस्क छतरपुर ।
जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम में कसावट लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार विशेष प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ सर्जनों द्वारा सीजर ऑपरेशन के दौरान परिजनों के सहमत होने पर भी सीटीटी (कॉन्वेंशनल ट्यूबोक्टॉमी) यानी ऑपरेशन के समय होने वाली नसबंदी नहीं की जा रही है। इसके संबंध में दैनिक भास्कर ने सोमवार के अंक में लापरवाही को उजागर किया था। इसके बाद अब सीएमएचओ ने जिले के सभी नर्सिंग होम्स और सर्जनों को नोटिस जारी करके सीजर ऑपरेशन के पूर्व परिजनों से लिखित शपथ-पत्र लेने और सीटीटी के संबंध में मत लेकर ऑपरेशन करने का आदेश जारी किया है। ऐसे केस जिनमें परिजन सीटीटी कराना चाहते हैं, उनकी अनिवार्य रूप से सीटीटी करने की हिदायत भी दी गई है।
ऐसा न होने पर कार्रवाई की बात कही गई है। इस आदेश के बाद रोजाना आधा दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन के केस में से 30 फीसदी केसों में सीटीटी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। 
नर्सिंग होम्स और सर्जनों को नोटिस जारी 
परिवार नियोजन कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. जीएल अहिरवार ने बताया कि   जिले के सभी प्रसूति नर्सिंग होम्स और सर्जनों को नोटिस जारी किया है कि अब सीजर ऑपरेशन के पूर्व परिजनों से फॉर्म भरवाना अनिवार्य होगा इसमें सीटीटी ऑपरेशन की सहमति और असहमति शामिल होगी। इसके साथ अगर परिजन सीटीटी कराना चाहते हैं तो सर्जन इन्हें मना नहीं कर सकते हैं। अगर आदेश के बाद सर्जन पालन नहीं करते है तो विभागीय कार्रवाई करने के प्रावधान होंगे।
सीटीटी न होने से मृत्युदर में इजाफा 
जिले में अधिकांश नर्सिंग होम्स और जिला अस्पताल में होने वाले सीजर ऑपरेशन में दूसरी डिलेवरी वाले केसों में मात्र 50 फीसदी केसों में सीटीटी ऑपरेशन हो रहे हैं। इससे महिलाएं तीसरी सीजर डिलेवरी में हाईरिस्क और एनीमिया की शिकार हो जाती हैं और मृत्यु दर भी ऐसे केसों में ज्यादा होती है। वर्तमान में जिले में प्रसूति के दौरान फीसदी महिलाओं की मौत हो जाती है।
इनका कहना है
सीजर में सर्जनों को विशेष सावधानी बरतने के साथ सीटीटी ऑपरेशन के लिए परिजनों की सहमति लेना अनिवार्य किया गया है, परिवार नियोजन के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। 
-डॉ. सतीश चौबे, सीएमएचओ, छतरपुर

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