सूड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने मौत के बाद भी नहीं दिया क्लेम

नाॅमिनी लगातार संपर्क कर रही है, पर जिम्मेदार नहीं कर रहे सहायता सूड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने मौत के बाद भी नहीं दिया क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-28 09:19 GMT
सूड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने मौत के बाद भी नहीं दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ ग्राहकों को सारी सुविधाएँ देने का वादा तो करती हैं, पर निभाने की बात आती है तो जिम्मेदार चुप्पी साधकर बैठ जाते हैं। अस्पताल में पॉलिसीधारक इलाज के लिए जाता है तो कैशलेस से मना कर दिया जाता है। सारे बिल देने के बाद जब क्लेम लेने के लिए चिकित्सक की रिपोर्ट व बिल सबमिट किया जाता है तो बीमा कंपनियों के जवाबदार खामियाँ निकालना शुरू कर देते हैं। बीमित दस्तावेज प्रस्तुत करता है तो उसे मानने तैयार नहीं होते हैं। पॉलिसीधारक बीमा कंपनी में मेल करते हैं तो वहाँ से किसी तरह का जवाब नहीं आता है। परेशान होकर पॉलिसीधारक न्याय की गुहार लगा रहे हैं, पर कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। पीड़ितों का आरोप है कि बीमा अधिकारी जानबूझकर आम लोगों को परेशान कर रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

दस माह से लगातार परिजन चक्कर लगा रहे

छिंदवाड़ा तामिया निवासी हीरा बाई पाल ने अपनी शिकायत में बताया कि स्टार यूनियन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (सूड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी) से पॉलिसी उनके पति समर पाल पिता पन्ना लाल के नाम पर थी। पॉलिसी क्रमांक जेजे 000005 का प्रीमियम भी बैंक के माध्यम से कट रहा था। खाता क्रमांक 2000261010000301 से प्रीमियम कटने का पूरा विवरण भी है। पति समर पाल की एक हादसे में मौत हो गई थी। मौत के बाद फरवरी 2022 में सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में सबमिट किए गए थे। बीमा अधिकारियों के द्वारा जल्द परीक्षण करने के बाद पूरा भुगतान करने का वादा किया गया था। यह राशि नॉमिनी हीरा बाई को मिलनी थी और हीरा बाई पिछले दस माह से लगातार बीमा कंपनी में बैंक के माध्यम से संपर्क कर रही हैं, पर जिम्मेदार पूरी तरह मौन हैं। पीड़िता का कहना है कि उसके द्वारा सारे दस्तावेज भी सत्यापित कराकर दिए गए, पर अधिकारी क्लेम नहीं दे रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि बीमा कंपनी हमारे साथ गोलमाल कर रही है। पीड़िता परेशान होकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में शिकायत दे रही है। 

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