नवोदय विद्यालय की छठवीं की छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी
नवोदय विद्यालय की छठवीं की छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी
डिजिटल डेस्क, डिंडोरी। यहां नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा छठवीं की एक 13 वर्षीय छात्रा ने आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । मामले में एक और जहां स्कूल प्रबंधन का आरोप है कि छात्रा ने तनाव में रहने के कारण यह कदम उठाया है। वहीं मृत छात्रा के पिता का आरोप है कि स्कूल में उसे प्रताड़ित किया जा रहा था और इसी प्रताड़ना से तंग आकर ही उसने आत्महत्या करने जैसे कदम उठाया ।
मिला है सुसाइड नोट
इस मामले में पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी प्राप्त किया है जिसमें पीड़ित छात्रा द्वारा लिखा गया है कि वह शिक्षक बनना चाहती थी , लेकिन नवोदय विद्यालय में आ करके वह नरक में आ गई । मुक्ति पाने ही वह सुसाइड कर रही है । पत्र में आगे लिखा है कि अपने पापा मम्मी चाचा चाची दीदी भाई बहन सब से बहुत प्यार करती हूं । मेरे पापा चाहते हैं कि मैं पढ़ लिख कर बड़ी बनूं । मुझे जवाहर नवोदय विद्यालय से छठी कक्षा से अपनी टीसी निकलवाना चाहती हूं, मुझे यहां अच्छा नहीं लगता है। इस पत्र को स्कूल प्रबंधन ने फर्जी बताया । इस मामले में पुलिस ने बताया कि भीमखुंडी गांव की रहने वाली 13 वर्षीय मधु मुरावी हॉस्टल के कमरे में रहती थी। आज सुबह कमरे के बाथरूम में उसे लटकते पाया गया ।जब कमरा खोला गया तो वहां मधु मरावी लटकती पाई गई ।घटना की सूचना पर कलेक्टर एसपी मौके पर पहुंच गए थे। घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने मौका मुआयना किया और घटनास्थल को सीज कर दिया है । इस कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला है।
पिता ने सुसाइड कर जताया संदेह
छात्रा के पिता दिनारी मरावी का आरोप है कि यह सुसाइड का मामला नहीं है। उनका कहना था कि जिस तरह से रस्सी बंधी हुई थी और जिस ऊंचाई पर यह थी वह संदेहास्पद है । उनका तर्क है कि कुछ दिन पहले ही वे बेटी को विद्यालय छोड़ कर गए थे तब वह काफी खुश और उत्साहित थी । उनकी बेटी ऐसा नहीं कर सकती । दूसरी ओर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल का कहना है कि मधु ने तनाव में आकर यह कदम उठाया है। उनका कहना है कि परिवार से दूर रहने की वजह से कुछ बच्चे तनाव में आ जाते हैं और इसी तनाव के कारण इस तरह के कदम उठाते हैं । पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई किया जाना संभव है ।फिलहाल सुसाइड नोट से बच्चे की लिखावट को मिलाने का प्रयास किया जा रहा है।