महाराष्ट्र कृषि दिवस पर चूल्हा बंद आंदोलन, किसानों को फसल बीमा नहीं मिला तो रसोई में नहीं जला चूल्हा
महाराष्ट्र कृषि दिवस पर चूल्हा बंद आंदोलन, किसानों को फसल बीमा नहीं मिला तो रसोई में नहीं जला चूल्हा
डिजिटल डेस्क, माजलगांव। 1 जुलाई का दिन महाराष्ट्र के किसान भाईयों के लिए खास है, आज महाराष्ट्र कृषि दिवस है, लेकिन किसान पिछले दो साल से फसल बीमा का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अनुदान नहीं मिला, जिससे नाराज किसानों ने तहसील के खतगव्हाण में बीमा कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कृषि दिवस के मौके पर गुरुवार को किसान संघर्ष समिति ने विरोध में चूल्हा बंद आंदोलन किया। एक दिन खाना नहीं बनाया, किसान अपने परिवार सहित भूखे रहे, हालांकि इस तरह का आंदोलन किसानों ने यहां पहली बार किया है।
किसानों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले कई बार प्रदर्शन किए थे, अलग-अलग स्थानों पर चक्काजाम हुए, विरोध किया गया था, लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, ऐसे में किसानों ने फैसला किया कि अपने परिवार सहित वो अब चूल्हा बंद आंदोलन कर अन्न का एक भी दाना ग्रहण नहीं करेंगे।
किसानों का आरोप है कि एक तरफ कोरोना संक्रमण है, तो दूसरी तरफ बैंक कर्ज का बढ़ता बोझ उठाना उनके बस की बात नहीं हैं। किसानों ने खाद-बीज के लिए कर्ज लिया था, लेकिन जब फसल काटने का वक्त आया, तो बेमौसमी बारिश ने उनकी मेहनत बर्बाद कर दी। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया से निराशा ही हाथ लगी। नतीजतन अगली फसल के लिए फिर कर्ज की नौबत आ गई। तीन गांव के किसानों ने इकठ्ठा होकर आंदोलन किया। जिसमें शहाजी बुरंगे, गजानन बुरंगे, प्रताप बुरंगे, अर्जुन पायघन, सदाशिव पायघन, दत्ता तसनुसे सहित कई किसानों ने हिस्सा लिया।