8 वर्ष से पॉलिसी ले रहे फिर भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कर दिया क्लेम रिजेक्ट
बीमित ने कहा हमारे साथ जिम्मेदारों ने जालसाजी की 8 वर्ष से पॉलिसी ले रहे फिर भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कर दिया क्लेम रिजेक्ट
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी कराने के बाद भूल जाओ, आपको कैशलेस इलाज कराने मिलेगा। बीमा कंपनी ने पॉलिसी देते समय जो वादे किए थेे वह पूरी तरह कोरे कागज की तरह हैं। अस्पताल में भर्ती होते ही कैशलेस से इनकार कर दिया जाता है और अस्पताल का बिल भरने के बाद जब बीमा कंपनी में क्लेम किया जाता है तो बीमा कंपनी का क्लेम डिपार्टमेंट तथा उनके यहाँ पर पदस्थ चिकित्सक यह कहते हुए क्लेम रिजेक्ट करने में जुट जाते हैं कि आपको घर पर ही रहकर इलाज कराना था, अस्पताल में इलाज कराने की जरूरत ही नहीं थी। यहाँ तक की इलाज को ही झूठा साबित करके पॉलिसी धारक पर ही प्रश्न चिह्न खड़ा कर देते हैं। पॉलिसी धारकों का आरोप है कि जिन चिकित्सकों की डिग्री की जानकारी बीमा कंपनी नहीं बता पा रही है, उन चिकित्सकों की परीक्षण रिपोर्ट पर कैसे तय किया जा रहा है कि घर पर रहकर इलाज कराना चाहिए था। पीड़ितों द्वारा अब माँग की जा रही है कि बीमा कंपनी के प्रबंधकों के विरुद्ध प्रशासन के जिम्मेदार विभाग सख्त कार्रवाई करें।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
इलाज के लिए अस्पताल की जरूरत नहीं थी मरीज को
महाराष्ट्र के अहमदनगर कोपरगाँव निवासी जीतू काले ने शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। पॉलिसी क्रमांक 700016/01/2022/030027 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। उनकी माँ का स्वास्थ्य खराब हो गया था। माँ सुनंदा अशोक काले को निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया गया तो बीमा अधिकारियों ने यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया की आप बिल सबमिट करेंगे तो बीमा कंपनी पूरा भुगतान आपको देगी। बीमित ने निजी अस्पताल में पूरे बिल का भुगतान कर दिया और बीमा कंपनी में सारी रिपोर्ट सबमिट की गईं दो बीमा अधिकारियों ने उसमें अनेक प्रकार की खामियाँ निकालीं और उसके बाद यह कहते हुए क्लेम खारिज कर दिया की मरीज को अस्पताल में भर्ती करानेे की जरूरत ही नहीं थी। बीमित ने सारे दस्तावेज दोबारा भेजे पर क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारियों के द्वारा किसी भी तरह का सहयोग नहीं दिया जा रहा है। बीमित का आरोप है कि बीमा कंपनी के द्वारा हमारे साथ जालसाजी की गई है।