पीलिया के मरीज को स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कह दिया इलाज की जरूरत ही नहीं थी

पॉलिसीधारक ने कहा- क्लेम न देना पड़े इसके लिए किया गया गोलमाल पीलिया के मरीज को स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कह दिया इलाज की जरूरत ही नहीं थी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-19 11:03 GMT
पीलिया के मरीज को स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कह दिया इलाज की जरूरत ही नहीं थी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा करते वक्त बीमा कंपनियाँ सौ फीसदी क्लेम देने का वादा करती हैं, पर जब बीमित को लाभ देने की बारी आती है तो बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर लेती हैं। यह आरोप पॉलिसीधारकों द्वारा बीमा कंपनियों के ऊपर लगाए जा रहे हैं। बीमा कंपनियाँ कैशलेस करने से साफ मना कर देती हैं और जब बीमारी का बिल बीमा कंपनी में सबमिट करते हैं तो तरह-तरह की क्वेरी निकाल ली जाती हैं। बीमितों की मानें तो बीमा कंपनियों का उद्देश्य बन गया है, कि बीमित को हर हाल में हताश करके उनका क्लेम रिजेक्ट किया जाए। बीमा कंपनियों के द्वारा सैकड़ों पॉलिसीधारकों का क्लेम रिजेक्ट कर दिया गया है और जिनका क्लेम सेटल किया गया है उन्हें आधा अधूरा भुगतान करने के बाद बीमा कंपनियों के जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली है। टोल फ्री नंबरों पर भी सही जवाब नहीं दिया जा रहा है। ब्रांच के अधिकारी भी पॉलिसीधारकों को भटका रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

कैशलेस नहीं किया और रिजेक्ट कर दिया पूरा भुगतान

हरियाणा के करनाल जिला निवासी नरेश सैनी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। उनका बेटा साहिल सैनी अचानक बीमार हो गया था। उसे गंभीर अवस्था में निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल में चिकित्सकों ने बताया कि उसे पीलिया हो गया है। पीलिया के कारण अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराना पड़ा था। बीमा कंपनी को सूचना देते हुए कैशलेस के लिए कहा तो बीमा अधिकारियों ने यह कह दिया कि आप अभी अपने पास से बिलों का भुगतान करें और इलाज के बाद सारे बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट करेंगे तो पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। उनके द्वारा इलाज के बाद सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में जमा किए गए तो उसमें अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली गईं। बाद में यह कह दिया कि आपको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत ही नहीं थी। उनके द्वारा सारे तथ्य बताए गए, पर बीमा अधिकारी व क्लेम डिपार्टमेंट के सदस्य उसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं और पूरा भुगतान करने से मना कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि हमारे साथ बीमा कंपनी ने गोलमाल किया है।

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