मासूम के इलाज का क्लेम ही रिजेक्ट कर दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने
सारे दस्तावेज देने के बाद भी जिम्मेदार कर रहे गोलमाल मासूम के इलाज का क्लेम ही रिजेक्ट कर दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ अपने लाभ के लिए कुछ भी करने तैयार रहती हैं। इसके लिए उन्हें अपने ग्राहकों के साथ धोखा करना पड़े तो वह भी वे करने में जुट जाती हैं। अस्पताल में कैशलेस से मना कर दिया जाता है और जब बीमित क्लेम के लिए दस्तावेज सबमिट करते हैं तो जिम्मेदार उन दस्तावेजों में अनेक खामियाँ निकाल कर नो क्लेम करने में पीछे नहीं रहते हैं। गलत रिपोर्ट का आधार बनाकर पॉलिसी धारक को चक्कर लगवाने मजबूर किया जाता है। यहाँ तक की बीमित को झूठा साबित करने के लिए कई तरह के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए जाते हैं। जिसके कारण बीमित को उपभोक्ता फोरम का सहारा लेना पड़ रहा है। बीमित को सही जवाब भी बीमा कंपनियाँ नहीं दे रही हैं। पीड़ित पॉलिसी धारक बीमा कंपनियों के जिम्मेदारों के विरुद्ध गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
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लिंक अस्पताल होने के बाद भी कैशलेस से किया इनकार
देहरादून के हरपटपुर विकास नगर रोड निवासी हरजीत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। बीमा कराते वक्त ब्रांच के अधिकारियों व एजेंट ने दावा किया था कि हमारी इंश्योरेंस कंपनी सारी सुविधा देती है। उनका एक वर्ष का बेटा हरमन सिंह है। सितम्बर 2022 में अचानक बेटे का स्वास्थ्य खराब होने के कारण देहरादून के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और पेट में इन्फेक्शन बढ़ गया था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी को सूचना दी गई तो जिम्मेदारों ने कहा कि आप अभी सारा भुगतान जमा कर दें, बिल सबमिट करने पर हमारी कंपनी पूरे क्लेम का भुगतान कर देगी। बीमित ने बेटे के इलाज का पूरा भुगतान अपने पास से जमा किया और ठीक होने के बाद रिपोर्ट व सारे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए तो क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने जल्द ही प्रकरण का निराकरण करने का दावा किया। लगातार बीमा अधिकारियों से संपर्क करते रहे पर जिम्मेदारों ने गोलमाल जवाब देकर महीनों बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया और अचानक क्लेम रिजेक्ट करने का लेटर बिना कारण बताए जारी कर दिया। बीमित का आरोप है कि उनके साथ जालसाजी की जा रही है।